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छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का हल्लाबोल, 6 दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप

Chhattisgarh Hindi News : नियमितीकरण की मांग को लेकर छटवें दिन भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा। रविवार को पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा ने धरना मंच में पहुंचकर समर्थन देते हुए कहा कि भूपेश सरकार को अपने वायदे की लॉज रखना चाहिए। तत्काल अनियमित कर्मियों को नियमित करें।

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छत्तीसगढ़ में कर्मियों का हल्लाबोल, 6 से नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप

छत्तीसगढ़ में कर्मियों का हल्लाबोल, 6 से नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप

धमतरी. नियमितीकरण की मांग को लेकर छटवें दिन भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा। रविवार को पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा ने धरना मंच में पहुंचकर समर्थन देते हुए कहा कि भूपेश सरकार को अपने वायदे की लॉज रखना चाहिए। तत्काल अनियमित कर्मियों को नियमित करें।


गांधी मैदान में आयोजित बेमुद्दत हड़ताल में रविवार को अवकाश के दिन भी अनियमित कर्मचारियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। दोपहर ढाई बजे यहां पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अनियमित कर्मचारियों को सत्ता में आते ही नियमितीकरण का वादा किया था, जिसे साढ़े चार साल बाद भी पूरा नहीं किया गया।

उन्हें अपने वायदे और जबान का मान रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि नियमितीकरण दैवेभो कर्मचारियों का अधिकार है। कांग्रेस की सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है, लेकिन भाजपा उनके हितों की रक्षा करेगी। प्रदेश महांत्री निशांत दुबे ने कहा कि धमतरी जिले में पिछले 25 सालों से कार्यरत ऐसे भी दैवेभो कर्मचारी हैं, जो नियमितीकरण की बाट रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों में गज्जू सिन्हा, सरोज दीवान, महेन्द्र सेन, तुकाराम साहू, पुरूषोत्तम सेन, पूनम कावड़े, ममता यादव, प्रतिभा राजपूत, प्रतिमा साहू, दीपक सिन्हा, अनिल ढीमर, पूरन लाल समेत बड़ी संख्या में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शामिल थे।


गुजर बसर की चिंता


कर्मचारी नेता बृजेश साहू, युगल साहू ने कहा कि महंगाई के इस दौर में अनियमित कर्मचारियों को महज 9 हजार 6 सौ रुपए मानदेय मिलता है, जिससे उन्हें परिवार की गाड़ी खींचने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। गुजर बसर की चिंता सता रही है। उन्होंने कर्मचारियों के हित में तत्काल भूपेश सरकार से उन एक सूत्रीय मांग को पूरा करने की गुहार लगाई।