
भारत की पहली महिला प्राचार्य सावित्री बाई फूले की जीवनी पढ़ेंगे छात्र, सिलेबस में शामिल करने की तैयारी
रायपुर. भारत की पहली महिला प्राचार्य सावित्री बाई फूले (Savitribai Phule) की संघर्ष गाथा और जीवनी प्रदेश के नौनिहाल पढ़ेंगे। सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों ने सावित्री बाई फूले की जीवनी को सिलेबस में शामिल करने का निर्णय लिया है। आठवीं क्लास के सिलेबस में सावित्री बाई फूले की जीवनी (Biography of Savitri Bai Phule) को शामिल किया जाएगा। नए शिक्षा सत्र 2022-23 में इसे लागू किया जाएगा।
एससीईआरटी जुटा रही जानकारी
सावित्री बाई फूले की जीवन की कौन सी कहानियां छात्रों को पढ़ाई जाएगी? इन कहानियों के कंटेंट को तलाशने में एससीईआरटी (SCERT) के अधिकारी जुटे है। एससीईआरटी के अधिकारियों के अनुसार छात्रों को शिक्षित करने के लिए कंटेंट लगभग तैयार कर लिया गया है। इस कंटेंट को फाइनल किया जाएगा और पुस्तकों में प्रकाशित करने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम को दे दिया जाएगा।
इन विभूतियों के बारे में बताया जा रहा
प्रदेश के समाज के विभूतियों को जान सके, उनके आचरण और कार्यप्रणाली को जीवन में उतार सके, इसलिए राज्य सरकार के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश के लिए काम करने वाले महान विभूतियों की किताब कहानीनुमा पैटर्न में बनाई है। इस किताब में गुरु घासीदास, वीर नारायण सिंह, शहीद गैंद सिंह, माधवराव सप्रे, वामनराव लाखे, वीर गुंडाधूर, राधाबाई, दाऊ कल्याण सिंह, रविशंकर शुक्ल, सुंदरलाल शर्मा, बैरिस्टर छेदीलाल, छोटेलाल श्रीवास्तव, प्यारेलाल सिंह, मुकुटधर पांडेय, डॉ. खूबचंद बघेल, राजा चक्रधर सिंह, डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा सहित कई लोगों की कहानियों का उल्लेख है।
एससीईआरटी के संयुक्त संचालक योगेश शिवहरे ने कहा, सावित्री बाई फूले के जीवन परिचय और उनकी संघर्ष गाथा नौनिहालों को बताई जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर पाठ्यक्रम को आठवीं क्लास के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। कंटेंट को फाइनल करना अभी बाकी है, लेकिन इस सत्र से यह लागू कर दिया जाएगा।
(मोहित सिंह सेंगर की रिपोर्ट)
Published on:
02 Mar 2022 10:55 pm
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