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Smart Meter: बिजली की खपत और चोरी पर अकुंश लगाने के लिए धमतरी संभाग में स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। धमतरी संभाग में 1.8 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। ( CG News) अब तक 86000 घरों में स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है। 22000 स्मार्ट मीटर लगाने का काम जारी है। 31 दिसंबर 2025 तक मीटर लगाने के लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना है। इसके लिए कर्मचारियों के माध्यम से मीटर लगाने का काम जारी है।
पूर्व में 1 जून से ट्रायल के तौर पर रिचार्ज सिस्टम को शुरू करने की योजना थी, लेकिन लक्ष्य के अनुसार मीटर नहीं लग पाने से इसकी तिथि को आगे बढ़ गई। जून-2024 से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया गया था। बिजली विभाग के ईई एके सोनी ने बताया कि धमतरी संभाग में कुल 36000 हजार स्मार्ट मीटर लगाना है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर एक प्रकार का डिजिटल मीटर है, जो कि मोबाइल में लगने वाली सिम कार्ड की तरह होगी।
वर्तमान में मैनुअल मीटर रीडिंग के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल दिया जा रहा है। करीब सालभर बाद सिम को रिचार्ज करने पर ही उपभोक्ता बिजली का उपयोग कर पाएंगे। इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। स्मार्ट मीटर में चिपयुक्त सिम लगा है। मीटर लगाने के समय प्रत्येक उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया गया है। इसी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से किसी भी यूपीआई से बीपी नंबर डालकर 1 मिनट में स्मार्ट मीटर को रिचार्ज किया जा सकेगा। बिजली विभाग द्वारा अलग से एप्लीकेशन लांच किया जाएगा। मोर बिजली एप भी जल्द ही अपडेट होगा।
स्मार्ट मीटर में छोटा मॉडम लगा रहेगा। इसे सर्वर के साथ उपभोक्ताओं के मोबाइल से कनेक्ट किया जाएगा। उपभोक्ताओं को हर समय जानकारी उपलब्ध रहेगी कि उनके पास कितना बैलेंस बचा है और वे कितनी यूनिट बिजली का उपयोग कर सकते हैं। रिचार्ज खत्म होने के 7 दिन पहले ही उपभोक्ताओं के फोन पर बैलेंस रिचार्ज का मैसेज आएगा। बैलेंस खत्म होने के बाद भी 300 रूपए तक का क्त्रसे्डिट उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। इस बीच उन्हें रिचार्ज कराना होगा। अगला रिचार्ज कराने पर यह रकम काट ली जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर एक आधुनिक डिजिटल डिवाइस है, जो बिजली के उपयोग, रीडिंग, रेटिंग आदि को रियल टाइम में मापता और सर्वर को अपडेट करता है। इसमें लगा चिप बिजली उपभोग डेटा को लगातार बिजली विभाग के सर्वर तक भेजता है, जिससे बिल स्वत: तैयार होता है और उपभोक्ता के वास्तविक खपत की जानकारी मिलती है।
Updated on:
09 Nov 2025 01:10 pm
Published on:
09 Nov 2025 01:09 pm
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