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किसानों की आवाज बना पत्रिका बोवनी से पहले सडक़ पर किसान धरने के बाद किया चक्काजाम

. कागजों में स्टॉकए गोदाम पड़े है खाली . वैकल्पिक उर्वरक थोपने की फिराक में सोसायटियां भाकिसं उतरा है विरोध में

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धार

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Amit Mandloi

Oct 12, 2022

किसानों की आवाज बना पत्रिका बोवनी से पहले सडक़ पर किसान धरने के बाद किया चक्काजाम

किसानों की आवाज बना पत्रिका बोवनी से पहले सडक़ पर किसान धरने के बाद किया चक्काजाम


धार .
जिले के मालवा क्षेत्र में रबी सीजन की बोवनी शुरू करने की तैयारी में जुटे किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कृषि विभाग कागजों पर खाद होने का दावा कर रहा है। लेकिन सोसायटियों के गोदाम खाली पड़े है। इससे नाराज किसानों ने बुधवार को भारतीय किसान संघ के बैनरतले तिरला सोसायटी का घेराव करते हुए धरना दिया। लेकिन किसानों की आवाज सुनने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो नाराज किसानों ने प्रेमनगर चौराहे पर चक्काजाम कर दिया।

चक्काजाम के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे किसानों से बात की। किसान कृषि अधिकारी से मिलने की बात पर अड़े हुए थे। ऐसे में कुछ देर बाद कृषि अधिकारी जीएस मोहनिया मौके पर पहुंचे और किसानों को दस दिन में खाद की पर्याप्त आपूर्ति करवाने का आश्वासन दिया। इस पर किसान माने और चक्काजाम खत्म किया। लेकिन किसान संघ ने खाद की आपूर्ति करवाने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद भी व्यवस्था बहाल नहीं होती है तो कृषि विभाग का दफ्तर घेराने की बात कही है।

यह है वर्तमान हालात

. तिरला सोसायटी में 2100 खाताधारक है। इनमें से 1500 खाताधारक ऐसे हैए जिन्हें बोवनी के चलते खाद की अग्रीम व्यवस्था करना है। लेकिन सोसायटी के पास वर्तमान में 500 बोरी की खाद उपलब्ध है। इन 500 बोरी में सभी तरह के वैरायटी शामिल है।
. इसी तरह मोहनपुरा सोसायटी में 1141 खाताधारक है। लेकिन मोहनपुरा सोसायटी में एनपीके और डीएपी के नाम पर एक बोरी भी उर्वरक उपलब्ध नहीं है। दोनों उर्वरकों की उपलब्धता के लिए डिमांड भेजी है। मोहनपुरा सोसायटी के पास 560 बैग यूरिया और 600 बैग वैकल्पिक 20-20-13 के ही उपलब्ध है।

किसानों की आवाज बना पत्रिका

तिरला में खाद संकट के चलते बुधवार को हुए प्रदर्शन में किसानों की आवाज पत्रिका बना। धरने की सूचना पर नायब तहसीलदार आदर्श शर्मा व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तिरला बीएस वसुनिया मौके पर पहुंचे और समझाने का प्रयास किया। इस पर किसानों ने पर्याप्त स्टॉक के दावों की हकीकत पूछी और खाद उपलब्ध करवाने की बात कही। किसानों ने खाद संकट और वैकल्पिक खाद थोपने की पत्रिका धार पुलआउट में 11 अक्टूबर को प्रकाशित खबर की प्रति किसान नेता रामेश्वर पाटीदार ने अधिकारी को पढ़वाई और कहा सोसायटी में पंजीकृत किसानों के अनुसार उपलब्ध खाद ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है।