
जानें मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा या फिर भटकेगी आत्मा
यह बात कोई नहीं बता सकता कि मरने के बाद आत्मा का क्या होता है, उसे स्वर्ग (मोक्ष) की प्राप्ति होगी या फिर उसकी आत्मा भटकते रहेगी। लेकिन धर्म शास्त्र के अनुसार जिस मनुष्य के कर्म उच्च होंगे उसे जीवन मरण के बंधनों से मुक्ति मिल जाती है और जिनके कर्म खराब होते हैं उनकी आत्मा भटकते ही रहती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र कहता है कि व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर भी इसका पता लगाया जा सकता है। जानें किसको और होती स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति।
स्वर्ग की प्राप्ति
ज्योतिषशास्त्र की माने तो सौरमंडल के कुछ ग्रह ऐसे हैं जिनके प्रभाव में आने पर मनुष्य सदमार्ग पर चलने की ओर प्रेरित होता है। सभी ग्रहों में गुरु सबसे अधिक शुभ ग्रह है, इसके प्रभाव में व्यक्ति सदा शुभ कर्मों के लिए प्रेरित रहता है। माना जाता है कि कुंडली में गुरु के शुभ स्थान में होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता और मान-सम्मान मिलता है और गुरु ही एक मात्र वह व्यक्ति है जो उचित मार्ग दर्शन देकर जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिला देता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अच्छे-बूरे के बारे में सबकुछ जानते हुए भी गलत कार्य करता है ऐसे व्यक्ति की आत्मा मरने के बाद भी भटकते रहती है।
स्वर्ग प्राप्ति कुंडली के अनुसार
1- यदि कुंडली के बारहवें भाव में शुभ ग्रह विराजमान है और बारहवें भाव का स्वामी अपनी राशि या मित्र राशि में बैठा है एवं इन्हें कोई शुभ ग्रह देख रहा है तो ऐसी स्थिति में जातक जीवन में सतत शुभ कर्म ही करता है। ऐसे लोगों को मरने के बाद स्वर्ग मिलता है।
2- इसके अलावा जब कुंडली में केवल गुरु ही कर्क राशि में छठे, आठवें, प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में बैठा हो और अन्य सभी ग्रह कमजोर हो तो ऐसे लोगों को मरने के बाद स्वर्ग ही मिलता है।
3- जब जन्मकुंडली में गुरु लग्न स्थान में मीन राशि में बैठा हो या दसवें घर में विराजमान हो या किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि उस पर न पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में मोक्ष प्राप्ति के योग बनते हैं।
अगर आप चाहते हैं मरने के बाद आपकी आत्मा भटके नहीं तो जरूर करें ये काम-
1- जीवन में निरंतर सतकर्म करते रहे।
2- यदि मोक्ष चाहते हैं तो वासना से भरे भावों को अपने मन से दूर कर दें।
3- योनि-पूजन, लिंगार्चन, भैरवी-साधना, चक्र-पूजा जैसी गुप्त साधनाओं के के माध्यम से ईश्वर के सानिध्य का अनुभर करते रहे।
4- जीवन में किसी भी तरह के पाप कर्म न करें।
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Updated on:
14 Apr 2020 05:23 pm
Published on:
14 Apr 2020 05:20 pm
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