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इन तीन चीजों का नशा कर देगा आपका विनाश, भूलकर भी ना करें

हर किसी के बस की बात नहीं होती इन नशों को झेलना

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Dec 22, 2019

इन तीन चीजों का नशा कर देगा आपका विनाश, भूलकर भी ना करें

नशा एक ऐसी चीज होती है जिसके कारण इंसान बहक जाता है और वह क्या कर रहा है क्या नहीं उसे सूध नहीं रहती। नशा जैसे ही शब्द सुनने में आता है वैसे ही शराब, गांजा या फिर कोई अन्य नशीली वस्तु का नाम दिमाग में आता है।

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लेकिन आपको बता दें कि नशा सिर्फ शराब या फिर इन सभी नशीली चीजों का ही नहीं होता बल्कि ऐसा भी होता है जो कि बिना खाये पीये होता है। इंसान उस नशे में इतना बहक जाता है की खुद को संभाल नहीं पाता।

चाणक्य और विदुर के अलावे कई महान दार्शनिकों ने भी इस नशा को सबसे जोरदार माना है। लेकिन इन नशों को झेलना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो नशे....

पद-प्रतिष्ठा का नशा

पुराणों के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति को कभी अपनी पद-प्रतिष्ठा का नशा नहीं होना चाहिये क्योंकि कहा जाता है कि जो व्यक्ति पद-प्रतिष्ठा पर होता है उसका नशा उस पर हावी रहता है। बड़े-बड़े धीर पुरुष भी पद और प्रतिष्ठा को पाकर बहक जाते हैं। पुराणों में कथा के अनुसार एक बार राजा नहुष को ऋषियों और देवताओं ने इंद्र के ना होने पर स्वर्ग का राजा बना दिया। देवलोक का सिंहासन मिलते ही नहुष पर प्रतिष्ठा का नशा चढ़ गया कि वह सभी मर्यादाओं को भूलकर देवराज इंद्र की पत्नी पर ही अधिकार जमाने का प्रयास करने लगा। नहुष ने पद के अहंकार में आकर सप्तऋषियों को अपनी पालकी उठाने के लिए कहा। परिणाम यह हुआ कि उन्हें ऋषियों ने शाप दे दिया और वह सांप बनकर धरती पर उत्पन्न हुए।

ताकत का नशा

ताकत का नशा व्यक्ति की शक्ति का नशा होता है। इसका नशा बहुत तेज होता है। पुराणों की कथाओं के अनुसार कई असुरों को ताकत का नशा हो गया था और वे अपनी ताकत के नशे में बहक गये थे। लेकिन इनका नशा तब उतरा जब इनसे ताकतवर व्यक्ति ने इनका विनाश किया। इसका वर्णन महाभारत, रामायण में भी मिलता है। रावण, दुर्योधन, कंस सभी को शक्ति का नशा हो गया था। लेकिन अंत भी उनका नाश हो गया।

यौवन का नशा

यौवन यानी सुंदरता या अपनी सुंदर काया का अभिमान होना। अभिमान होने पर व्यक्ति को अन्य कुछ नजर नहीं आता है। कहा जाता है की जिसके सिर पर यौवन का नशा चढ़ता है या भूत सवार होता है उसे इसके अलावा कुछ और नजर नहीं आता। रामायण के अनुसार यौवन का नशा जटायु और उसके भाई संपाति को भी हुआ था। इस नशे में वे दोनों सूर्य देवता को छूने के लिये चले गये और आखिर में अपने पंख जलाकर धरती पर गिरे।