5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Akshay Tritiya Mantra: आज पूजा में करें इन मंत्रों का जाप, माता लक्ष्मी सुख समृद्धि से भर देंगी घर

वैशाख शुक्ल तृतीया यानी अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya Mantra) आज है। आज के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। जानिए इस दिन पूजा में माता लक्ष्मी के किन मंत्रों का जाप करें, जिससे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो।

less than 1 minute read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Apr 22, 2023

laxamiji.jpg

laxamiji puja mantra

अक्षय तृतीयाः अक्षय तृतीया को अखातीज के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि को सर्वसिद्ध मुहूर्त भी कहा जाता है यानी इस दिन शुभ कार्य के लिए किसी मुहूर्त का ध्यान रखने की जरूरत नहीं होती। मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा और शुभ कार्य से पूरे साल आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।

अक्षय तृतीया के दिन ऐसे करें पूजा
1. अक्षय तृतीया के दिन शाम के समय उत्तरमुखी होकर लाल आसन पर बैठकर लक्ष्मीजी की पूजा करें।
2. लक्ष्मीजी का चित्र रखकर उसके सामने 10 लक्ष्मीकारक कौड़ियां रखें और शुद्ध घी का दीया जलाएं।


3. लक्ष्मीजी की षोडशोपचार पूजा करें, कौड़ी पर सिंदूर चढ़ाएं।
4. लाल चंदन की माला से लक्ष्मीजी के मंत्रों का जाप करें। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर की आर्थिक परेशानियां खत्म करती हैं।

ये भी पढ़ेंः Parashuram Jayanti 2023: ये हैं भगवान परशुराम से जुड़ी कथाएं, जानें अपने किन-किन अवतारों से मिले

लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के मंत्रः इस दिन माता लक्ष्मी के मंत्रों के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी विशेष फलदायी होती है। पूजा में माता लक्ष्मी के इन मंत्रों के जाप से सुख समृद्धि आती है, व्यापार में उन्नति होती है और आर्थिक सफलताएं मिलती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने में विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भी लाभदायक होता है।


1. ऊँ आध्य लक्ष्म्यै नमः
2. ऊँ विद्या लक्ष्म्यै नमः
3. ऊँ सौभाग्य लक्ष्म्यै नमः

ये भी पढ़ेंः Puja Vidhi:: पंचोपचार और षोडषोपचार पूजन विधि में क्या हैं अंतर, पूजा में आएंगी काम


4. ऊँ अमृत लक्षम्यै नमः
5. ऊँ पहिनी पक्षनेत्री पक्षमना लक्ष्मी दाहिनी वाच्छा भूत प्रेत सर्व शत्रु हारिणी दर्जन मोहिनी रिद्धि सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा