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आठ प्वॉइंट्स में समझें करवा चौथ व्रत, सास को क्या दें दान और सरगी का क्या है महत्व

Karwa Chauth vrat: करवा चौथ व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है, जबकि कई युवतियां अच्छे वर की कामना से भी यह व्रत रखती हैं। पहली बार व्रत रखने जा रहीं हैं तो आइये 8 प्वॉइंट्स में समझें क्या है करवा चौथ व्रत और क्या है सरगी का महत्व (Karwa Chauth Vrat)..

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karwa chauth vrat 2024: आठ प्वाइंट में समझें पूरा करवा चौथ व्रत

Karwa Chauth vrat: कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं करवा चौथ व्रत रखती हैं, वहीं कुछ युवतियां अच्छे वर की कामना से भी इस दिन मां पार्वती, भगवान गणेश, शिवजी, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करती हैं। पहली बार व्रत रख रहे हैं तो आइये 8 प्वॉइंट्स में जानें क्या है करवा चौथ व्रत और क्या है सरगी का महत्व..

1. करवा चौथ व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों का नाश हो जाता है। चतुर्थी के दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। लेकिन कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी अखंड सौभाग्यवती मां पार्वती और शिव परिवार की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से आदिशक्ति भक्त को ताउम्र सौभाग्यवती रहने का वरदान देती हैं।

2. करवा चौथ में सरगी

करवा चौथ सूर्योदय से चंद्रमा की पूजा कर अर्घ्य देने तक निर्जला रखा जाने वाला व्रत है और सरगी करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन। इसे सास अपनी बहू को देती है, जिसमें ड्रायफूट, नारियल, सुहाग की सामग्री और कपड़े होते हैं। इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं जिससे भूख प्यास कम लगती है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।

परंपरा के अनुसार जो महिलाएं करवा चौथ व्रत रखती हैं, वो व्रत से पहले शाम को श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं। इस रस्म में महिलाएं घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं। इस रस्म के दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा सुनाती है। वहीं उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गौर माता की पूजा भी इस दिन की जाती है। गौर माता की पूजा के लिए प्रतिमा गाय के गोबर से बनाई जाती है।

3. करवा चौथ का इतिहास

कथा के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध होने लगा, तब ब्रह्माजी ने सभी देवताओं की पत्नियों को अपने पति के विजयी होने के लिए व्रत रखने का सुझाव दिया था, जिसके बाद से करवा चौथ का व्रत मनाया जाने लगा।

वहीं एक अन्य प्रचलित कथा के अनुसार प्राचीन काल में करवा नाम की महिला के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया तो उसने पत्नी को आवाज दी, वह पहुंची तो उसने कच्चे धागे से मगरमच्छ को बांध दिया और यमराज के पास पहुंच गई और उसके अपराध के लिए दंड मांगा।

इस पर यमराज ने मगर को यमपुरी पहुंचा दिया और उसके पति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया। इससे उस महिला को भी करवा चौथ के रूप में पूजा जाने लगा।

4. करवा चौथ व्रत का महत्व

करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की के लिए रखती हैं। हालांकि, कई कुंवारी कन्याएं मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।

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5. करवा चौथ पर दान

करवा चौथ पर सुहाग से जुड़े सामान जैसे की सोलह शृंगार के सामान आदि का दान किया जाता है। आमतौर पर यह दान किसी सुहागिन महिला या सास को दिया जाता है।

6. करवा चौथ व्रत में रात को क्या होता है

करवा चौथ व्रत में दिनभर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रोदय के समय पूजा कर कथा सुनती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं।

7. करवा चौथ पर सास को क्या दें

करवा चौथ पर महिलाएं व्रत खोलने के बाद अपनी सास को करवा (मिट्टी या अन्य धातु से बना एक विशेष बर्तन), मीठे पकवान, कपड़े और सुहाग से जुड़ी वस्तुएं देती हैं जिसे बायना भी कहा जाता है।

8. करवा चौथ पर सास बहू को क्या देती है

इस दिन सास अपनी बहुओं को सूर्योदय से पहले सरगी देती हैं। इस सरगी की थाल में मिठाई, मठरी, मेवे, फल, कपड़े, गहने, पूरी व सेवई होती है।