
Apara Ekadashi 2025 Yog: अपरा एकादशी 2025 योग
Achala Ekadashi: भगवान विष्णु की विशेष आराधना के लिए समर्पित अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसे अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अजमेर की ज्योतिषी नीतिका शर्मा से आइये जानते हैं अपरा एकादशी की महत्वपूर्ण बातें …
ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई को रात 01:12 बजे प्रारंभ होगी और इसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त हो जाएगी। सनातन धर्म में उदया तिथि को प्राथमिकता दी जाती है, अतः अपरा एकादशी व्रत 23 मई को ही रखा जाएगा। अगले दिन यानी 24 मई को व्रत का पारण किया जाएगा।
वैसे तो प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है लेकिन अपरा एकादशी विशेष रूप से शुभ और लाभकारी मानी जाती है। खास बात यह है कि 23 मई को अपरा एकादशी के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं।
हिंदी में 'अपार' शब्द का अर्थ 'असीमित' है, क्योंकि इस व्रत को करने से व्यक्ति को असीमित धन की भी प्राप्ति होती है, इस कारण से ही इस एकादशी को 'अपरा एकादशी' कहा जाता है। इस एकादशी का एक और अर्थ यह है कि यह अपने उपासक को असीमित लाभ देती है। अपरा एकादशी का महत्व 'ब्रह्म पुराण' में बताया गया है।
अपरा एकादशी पूरे देश में पूरी प्रतिबद्धता के साथ मनाई जाती है। इसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। पंजाब, जम्मू और कश्मीर और हरियाणा राज्य में, अपरा एकादशी को 'भद्रकाली एकादशी' के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देवी भद्रा काली की पूजा करना शुभ माना जाता है। उड़ीसा में इसे 'जलक्रीड़ा एकादशी' के रूप में जाना जाता है और भगवान जगन्नाथ के सम्मान में मनाया जाता है।
मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि जो भी यह व्रत रखता है उसको जीवन में अपार तरक्की मिलती है साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दौरान किया जाता है। 24 मई को पारण के लिए शुभ समय सुबह 05:26 बजे से शाम 08:11 बजे तक रहेगा। इस दौरान कभी भी व्रत खोला जा सकता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:04 से 04:45 बजे तक रहेगा, जो पूजा-पाठ के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है।
पंचांग के अनुसार 23 मई को अपरा एकादशी के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग शाम को 04:02 बजे से बनेंगे और यह अगले दिन 24 मई को सुबह 05:26 बजे तक रहेंगे।
इससे पहले एकादशी को प्रात:काल से प्रीति योग बनेगा, जो शाम को 6:37 बजे तक रहेगा। इसके बाद से आयुष्मान योग बनेगा। इसके अलावा उस दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह से लेकर शाम 04:02 बजे तक है, उसके बाद से रेवती नक्षत्र है।
Published on:
21 May 2025 12:57 pm
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