
भौम प्रदोष व्रत
Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है, लेकिन जब यह मंगलवार को पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ मंगल ग्रह की पूजा करने से न केवल आत्मशांति मिलती है बल्कि आर्थिक सुधार के भी योग बनते हैं। राशि के अनुसार दान-पुण्य करने से और अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो ऊर्जा, साहस और भूमि संबंधी मामलों का कारक है। इस दिन प्रदोष व्रत रखने से पितृ दोष, भूमि संबंधी बाधाएं और आर्थिक संकट दूर होते हैं। साथ ही महादेव की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
मेष राशि- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भौम प्रदोष व्रत के दिन मेष राशि के लोग अनाज और लाल कपड़ा दान करें, जिससे ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
वृषभ राशि– प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा के बाद वृषभ राशि के लोगों को दूध, दही और चावल का दान करना शुभ रहेगा। जिससे आर्थिक लाभ मिलेगा।
मिथुन राशि– इस शुभ दिन पर मिथुन राशि के जातकों को हरे रंग की वस्तु जैसे हरी सब्जी या मूंग की दाल आदि दान करना चाहिए। जिससे मानसिक शांति मिलेगी।
कर्क राशि– भौम प्रदोष व्रत के दिन कर्क राशि वालों के लिए सफेद रंग की वस्तु का दान करना शुभ रहेगा। जैसे सफेद वस्त्र, चावल और दूध से बनी चीजें दान करें। जिससे पारिवारिक सुख बढ़ेगा।
सिंह राशि– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गेहूं और गुड़ का दान करें। जिससे मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
कन्या राशि– हरी सब्जियां और पुस्तकें दान करें। जिससे बुद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
तुला राशि– इत्र और सफेद चंदन दान करें। जिससे वैवाहिक जीवन में सुख मिलेगा।
वृश्चिक राशि– ज्योतिषाचार्य के अनुसार तिल और लोहे का दान करें। जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
धनु राशि– हल्दी और पीले वस्त्र दान करें, जिससे भाग्य मजबूत होगा।
मकर राशि– काले तिल और तेल का दान करें, जिससे शनि दोष कम होगा।
कुंभ राशि– नीले कपड़े और जूते दान करें, जिससे राहु-केतु दोष दूर होगा।
मीन राशि– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चावल और मिश्री दान करें, जिससे मानसिक शांति मिलेगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार 25 फरवरी दिन मंगलवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस बार मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने की वजह से यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय 25 फरवरी शाम 06 बजकर 18 मिनट पर शुरु होगा और 08 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान की आराधना करने से पहले सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्वच्छ जल से स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग का जल, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। लाल रंग के पुष्प और बेलपत्र चढ़ाएं। ॐ नमः शिवाय और मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें। जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य करें। संध्या काल में शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की आराधना करें।
भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है। राशि अनुसार दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। महादेव की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
24 Feb 2025 04:54 pm
Published on:
24 Feb 2025 04:53 pm
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