चैत्र अमावस्या के ठीक दूसरे दिन से चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी हो जाता है, और नौ दिनों तक माँ दुर्गा की भक्तिभाव से पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी तिथि को भगवान राम का जन्मोत्सव श्री रामनवमी महापर्व भी मनाया जाता है।
अमावस्या के महा उपाय
1- चैत्र अमावस्या की शाम को किसी भी तालाब या नदी में जाकर गेहूं के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। ऐसा करने से पितृ पूर्वज प्रसन्न होकर धनधान्य पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं।
2- चैत्र अमावस्या की शाम किसी लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर कच्चे अनाज का दान करें एवं गरीब ब्राह्मण को भोजन कराकर आशीर्वाद लें। धन आवक की सारी बाधाएं दूर हो जायेगी।
3- चैत्र अमावस्या की रात में शनि मंदिर में जाकर शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ाकर, काली उड़द, काले तिल, लोहा और काले कपड़े का दान करने से व्यक्ति कुछ ही दिनों में करोड़पति बन सकता है।
5- चैत्र अमावस्या के दिन सूर्यास्त के समय शिवलिंग पर जल, दूध और काले तिल अर्पित करने से धन संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
6- चैत्र अमावस्या को सूर्यास्त पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करें। मात्र इस उपाय से राहु, शनि और केतु के दोष दूर होते हैं। चैत्र अमावस्या के दिन हनुमानजी को भोग लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से सैकड़ों बाधाएं दूर हो जाती है।
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