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Chaitra Navratri Puja: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से दूर होता है मंगल दोष, जानें अन्य स्वरूप की पूजा का क्या है फल

नवरात्रि में माता के नौ स्वरूप की पूजा अलग-अलग दिन की (Chaitra Navratri Puja) जाती है। इन नौ स्वरूप की पूजा के विशेष फल होते हैं। मां शैलपुत्री की पूजा से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है तो नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Ma Brahmcharini Puja) से सदाचार, संयम आदि सद्गुणों का विकास होता है। आइये जानते हैं मां दुर्गा के अन्य स्वरूपों की पूजा से क्या फल मिलता है।

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Pravin Pandey

Mar 23, 2023

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chaitra navratri puja

मां शैलपुत्रीः नवरात्रि के पहले दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन 22 मार्च को मां शैलपुत्री की पूजा की गई। मान्यता है जगदंबा दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा कुंडली का चंद्रदोष दूर होता है और सुख संपत्ति प्राप्त होता है।


मां ब्रह्चारिणीः नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस स्वरूप का संबंध मंगल ग्रह से है, जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल दोष होता है और इसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन गुरुवार को माता जगदंबा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। इससे उनको मंगल दोष से राहत मिलती है। इसके अलावा ऐसे भक्तों के जीवन में संयम, सदाचार आदि गुण आते हैं।

मां चंद्रघंटाः आदिशक्ति के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा शुक्रवार 24 मार्च को होगी। माता चंद्रघंटा की पूजा से कुंडली में व्याप्त शुक्र संबंधित दोषों से राहत मिलती है। इसके अलावा सुख समृद्धि भी प्राप्त होती है। खास यह है कि इस बार इनकी पूजा शुक्रवार को होगी, जो विशेष फलदायी है। मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन से जुड़े सारे दोष और पाप नष्ट हो जाते हैं।

मां कुष्मांडाः नवरात्रि के चौथे दिन माता दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि 2023 में चौथे स्वरूप की पूजा शनिवार 25 मार्च को होगी। इनका संबंध प्रत्यक्ष देवता सूर्य से है और कुंडली में सूर्य संबंधी कमी है और आप परेशान हैं तो आपको चौथे दिन देवी कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे शत्रुओं का नाश होता है और यश भी मिलता है।

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मां स्कंदमाताः नवरात्रि में पांचवे दिन जगदंबा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि 2023 के पांचवे दिन 26 मार्च रविवार को भक्त इस स्वरूप की पूजा करेंगे। इनकी पूजा से बुध ग्रह संबंधित दोष दूर होते हैं। करियर कारोबार में तरक्की होती है। इनकी साधना करने वाला व्यक्ति समस्त सुख पाता है। मृत्यु बाद मोक्ष प्राप्त करता है।

मां कात्यायनी की पूजाः नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। चैत्र नवरात्रि 2023 के छठें दिन 27 मार्च सोमवार को मां कात्यायनी की पूजा होगी। ऐसे जातक जिनके सुख सौभाग्य में कमी आ रही है, उन्हें इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए। वहीं, इससे ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का भय दूर होता है।

मां कालरात्रि की पूजाः नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि का संबंध शनि ग्रह से होता है। यदि शनि के कारण जीवन में परेशानी है तो जातक को मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। चैत्र नवरात्रि 2023 को 28 मार्च मंगलवार को इनकी पूजा होगी। इनकी पूजा से सभी प्रकार के पाप का नाश होता है और शत्रुओं का शमन भी होता है।

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माता महागौरीः नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि 2023 के आठवें दिन 29 मार्च बुधवार को मां महागौरी की पूजा होगी। महाष्टमी के दिन इनकी पूजा से भक्त की सभी समस्या दूर होती है, सुख समृद्धि प्राप्त होती है और कुंडली में राहु से जुड़ी समस्याओं का निदान होता है। इस दिन ही कन्या पूजन भी होता है।

माता सिद्धदात्रीः मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन होती है। चैत्र नवरात्रि 2023 के नौवें दिन 30 मार्च 2023 को गुरुवार को माता सिद्धिदात्री की पूजा होगी। इनकी पूजा से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा केतु की समस्याएं भी दूर होती हैं।