
Chandra grahan 2019: 16 जुलाई को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, इन 5 राशियों को दिलाएगा नौकरी, पैसा और प्रतिष्ठा
16-17 जुलाई की दरमियानी रात को साल का दूसरा चंद्रग्रहण ( lunar eclipse 2019 ) पड़ेगा। आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का प्रभाव अलग है। यह पहली बार नहीं बल्की लगातार दूसरा साल है जब आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इस बार खग्रास चंद्रगहण ( chandra grahan 2019 ) का नजारा आकाश में करीब तीन घंटे तक नज़र आएगा। इसके साथ ही इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ग्रह गोचर की दृष्टि से देखा जाए तो इस दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण ( chandra grahan ) का योग बन रहा है। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।
भारत के अलावा यहां भी दिखेगा यह ग्रहण
नार्वे, स्वीडेन, फिनलैंड के उत्तरी क्षेत्रों को छोड़कर यह चंद्रग्रहण अधिकतर यूरोप में दिखेगा। दक्षिण अमरीका के कई क्षेत्रों सहित जापान को छोड़कर संपूर्ण एशिया में इस चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा। पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड के पूर्वी क्षेत्रों, दक्षिण कोरिया, उत्तरी कोरिया, उत्तर पूर्वी चीन के साथ रुस के कुछ क्षेत्रों में भी यह ग्रहण लोग देख पाएंगे।
ग्रहणकाल का समय
16 जुलाई की रात 1.32 बजे चंद्र ग्रहण का स्पर्श होगा। वहीं रात को 4.30 बजे ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा। कुल मिलाकर चंद्र ग्रहण का पूरा समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा। पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार इस चंद्रग्रहण का उज्जैन के महाकाल मंदिर सहित अन्य तीर्थस्थानों पर भी आरती व पूजा के समय पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर:
मीन राशि: इस दौरान परिवार में सुख-चैन रहेगा।
ग्रहण काल के समय करें ये काम
- ग्रहण काल में अपने इष्ट देव, मंत्र, गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का मन में जप करना चाहिए।
ग्रहणकाल में ना करें ये काम
- ग्रहण काल के समय या उसके मध्य समय में भोजन ग्रहण करना, भोजन पकाना, शयन, मल-मूत्र त्याग, रतिक्रियाएं व सजने संवरने से संबन्धित कार्य नहीं करने चाहिए।
- मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल के दौरान सब्जी काटना, कपड़े सीना व पिरोना आदि से बचना चाहिए।
- ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए तथा ग्रहण दर्शन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से बचकर रहना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की छाया के कुप्रभाव से गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है, जो बच्चे की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।
- ग्रहण के सूतक के नियमों का विचार गर्भवती महिलाओं, रोगी, बालकों और वृद्धों के लिए नहीं होता है।
- चंद्रग्रहण के समय वाद-विवाद से बचना चाहिए, इससे हमेशा घर का माहौल खराब होता है और ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियों का भी हो जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार ग्रहणकाल में किसी गरीब व असहाय का अपमान ना करें नहीं तो शनिदेव की बुरी नजर पड़ती है।
Published on:
15 Jul 2019 05:03 pm
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