26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जीवन में सुख आये तो हस लेना और दुख आये तो हसी में उड़ा देना : मुनि तरुण सागर

Daily Thought Vichar Manthan : जीवन में सुख आये तो हस लेना और दुख आये तो हसी में उड़ा देना : मुनि तरुण सागर

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Nov 25, 2019

जीवन में सुख आये तो हस लेना और दुख आये तो हसी में उड़ा देना : मुनि तरुण सागर

जीवन में सुख आये तो हस लेना और दुख आये तो हसी में उड़ा देना : मुनि तरुण सागर

अगर कभी तुम्हारे माँ- बाप तुम्हे डांट दें तो बुरा मत मानना, बल्कि सोचना गलती होने पर माँ बाप नहीं डाटेंगे तो कौन डाटेंगे, और कभी छोटो से कोई गलती हो जाए तो ये सोचकर उन्हें माफ़ कर देना कि, गलतियाँ छोटे नहीं करेंगे तो और कौन करेगा। भले ही लड़ लेना झगड़ लेना पिट जाना पीट देना मगर बोलचाल बंद मत करना क्यूंकि बोलचाल के बंद होते ही सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं। डाक्टर और गुरु के सामने एकदम सरल और तरल बनकर पेश हो। आप कितने ही होशियार क्यों न हो तो भी डाक्टर और गुरु के सामने अपनी होशियारी मत दिखाइये, क्योंकिं यहां होशियारी बिल्कुल काम नहीं आती।

प्रेम तुममें जितना गहरा है, तुम उतने ही श्रेष्ठ मनुष्य हो : डॉ. प्रणव पण्ड्या

धनाढ्य होने के बाद भी यदि लालच और पैसों का मोह है, तो उससे बड़ा गरीब और कोई नहीं हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति ‘लाभ’ की कामना करता है, लेकिन उसका विपरीत शब्द अर्थात ‘भला’ करने से दूर भागता है। डाक्टर और गुरु के सामने झूठ मत बोलिये क्योंकिं यह झूठ बहुत महंगा पड सकता है। गुरु के सामने झूठ बोलने से पाप का प्रायश्चित नही होगा, डाक्टर के सामने झूठ बोलने से रोग का निदान नहीं होगा। धन का अहंकार रखने वाले हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पैसा कुछ भी हो सकता है, बहुत कुछ हो सकता है, लेकिन सब कुछ नहीं हो सकता। हर आदमी को धन की अहमियत समझना बहुत जरूरी है।

खर्चीली शादियां नरभक्षी पिशाचिनी है, यह कितने ही परिवारों की सुख शान्ति और प्रगति छिन लेती है- आचार्य श्रीराम शर्मा


न तो इतने कड़वे बनो की कोई थूक दे, और ना तो इतने मीठे बनो की कोई निगल जाये। गुलामी की जंजीरों से स्वतंत्रता की शान अच्छी, हजारों रूपये की नौकरी से चाय की दुकान अच्छी। जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सिख लो। जिसने जीवन से समझौता करना सिख लिया वह संत हो गया। वर्तमान में जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता हैं। गुलाब काटों में भी मुस्कुराता हैं। तुम भी प्रतिकूलता में मुस्कुराओ, तो लोग तुमसे गुलाब की तरह प्रेम करेंगे। याद रखना जिन्दा आदमी ही मुस्कुराएगा, मुर्दा कभी नहीं मुस्कुराता और कुत्ता चाहे तो भी मुस्कुरा नहीं सकता, हसना तो सिर्फ मनुष्य के भाग्य में ही हैं। इसलिए जीवन में सुख आये तो हस लेना, लेकिन दुख आये तो हसी में उड़ा देना।

जो काम को करते हैं उसमें सफलता मिलेगी ही, ऐसा पूर्ण विश्वास रखों- प्रज्ञा पुराण

यदि कोई दुर्बल मानव तुम्हारा अपमान करे तो उसे क्षमा कर दो, क्योंकि क्षमा करना ही वीरों का काम है। परंतु यदि अपमान करने वाला बलवान हो तो उसको अवश्य दण्ड दो। जो पुत्र पैदा ही न हुआ हो अथवा पैदा होकर मृत हो अथवा मुर्ख हो। इन तीनों में पहले दो ही बेहतर हैं। न की तीसरा, कारण यह है की प्रथम दोनों तो एक बार ही दुःख देते हैं। जबकि तीसरा पद-पद दुःखदायी होता है। वह जो अपने प्रियजनों से अत्यधिक जुड़ा हुआ है। उसे चिंता और भय का सामना करना पड़ता है। क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है। इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ दीजिये।

**************