24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विचार मंथन : ज्ञानी को कभी क्रोध नहीं आता- रामकृष्ण परमहंस

ramkrishna paramhans जी से जाने ज्ञानी की सच्ची पहचान

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Jun 22, 2019

एक धार्मिक व्यक्ति को गुरु दीक्षा लेने की आवश्यकता पड़ी उसने सुन रखा था कि ज्ञानी गुरु से ही दीक्षा लेनी चाहिए। गुरु बनने के लिए तो अनेकों साधु पंडित तैयार थे पर उस व्यक्ति को यह निश्चय न होता था कि यह ज्ञानी है या नहीं? इसी संदेह में वह चिन्तित रहने लगा। एक दिन उसकी पत्नी ने चिन्ता का कारण पूछा तो उसने सब बात बता दी। पत्नी हंसी उसने कहा इसकी परीक्षा बहुत सरल है। तुम गुरु बनने को जो तैयार हो उसे घर ले आया करो मैं बता दूंगी कि यह ज्ञानी है या नहीं। पति बहुत प्रसन्न हुआ और प्रतिदिन एक एक गुरू बनने वाले को लाने लगा।

bhagwat geeta : गीता के ये नौ सूत्र बदल देंगे जीवन, कभी नहीं मिलेगी असफलता

स्त्री ने पिंजड़े में एक कौआ बन्द कर रखा था। जो महात्मा आता उसी से पूछती महात्माजी यह कबूतर ही है न? उत्तर में कई महात्मा हंस पड़ते, कई उसे मूर्ख बताते, कई झिड़कते कि यह तो कौआ है। इस पर वह स्त्री नाराज होती और अपनी बात पर अड़ जाती, नहीं महाराज यह तो कबूतर है। उसके इस दुराग्रह को सुन कर आने वाले महात्मा क्रुद्ध होकर उसकी मूर्खता को निन्दा करते हुए चले जाते।

Shani dev : शनि देव के सामने खड़े होकर पढ़ लें ये शनि स्तुति, जो चाहोगे वही मिलेगा

एक दिन एक महात्मा ऐसे आये जो कौए को कबूतर कहने पर नाराज नहीं हुये वरन् शान्तिपूर्वक बड़े स्नेह के साथ समझाने लगे देखो बेटी कौए में यह लक्षण और कबूतर में यह लक्षण होते हैं, अब तुम स्वयं ही विचार लो कि यह कौन है? यदि समझ में न आवे तो मैं तुम्हें कौए और कबूतर का अन्तर उन पक्षियों के झुण्ड में ले जाकर या अन्य बुद्धिमान मनुष्यों की साक्षी से समझाने का प्रयत्न करूंगा स्त्री न मानी तो भी उनने क्रोध न किया अपनी बातें बड़े सौम्य भाव से करते रहे। अपने पति से स्त्री ने कहा- यही महात्मा ज्ञानी है। इन्हें ही गुरू बना लो। ज्ञानी की पहचान यही है कि उन्हें क्रोध नहीं आता।

***********