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Dattatreya Jayanti 2024: कब मनाई जाएगी दत्तात्रेय जयंती, जानिए पूजा का शुभ समय और महत्व

Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयंती के शुभ अवसर पर जो भक्त भगवान दत्तात्रेय की पूजा करते हैं। उनके जीवन में ज्ञान, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

जयपुरDec 13, 2024 / 08:58 am

Sachin Kumar

Dattatreya Jayanti 2024

Dattatreya Jayanti 2024

Dattatreya Jayanti 2024: मार्गशीर्ष माह में दत्तात्रेय जयंती का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित है। इस लिए इस शुभ दिन पर इन तीनों देवों की पूजा की जाती है। इस बार यह त्योहार 14 दिसंबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इसका महत्व।

दत्तात्रेय जयंती का महत्व

दत्तात्रेय जयंती तीनों देवों के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। भक्त इस पर्व को बड़ी श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि इस खास दिन पर भगवान दत्तात्रेय त्रिमूर्ति (जिसमें तीने देवों के मुख एक ही शरीर से जुडे़ हैं) ने अवतार लिया था। इस खुशी में लोग व्रत करते हैं। पूजा पाठ करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों में भगवान दत्तात्रेय को सनातन धर्म में ज्ञान, वैराग्य और तपस्या का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि उन्होंने 24 गुरुओं से ज्ञान प्राप्त किया था। उनके उपदेश समस्त मानव समाज के लिए जीवन के मूल सिद्धांत, आत्मज्ञान और भक्ति का गहरा संदेश देते हैं। भक्तों का मानना है कि इस दिन पूजा करने से आध्यात्मिक विकास होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।

शुभ समय

हिंदू पंचाग के अनुसार दत्तात्रेय जयंती 14 दिसंबर 2024 को दिन शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 14 दिसंबर को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर होगा और यह अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर के 2 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। इस लिए दत्तात्रेय जयंती 14 दिसंबर को ही मानाई जाएगी।

पूजा विधि

दत्तात्रेय भगवान की पूजा करने वाले जातक को सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें और उसके सामने धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
इसके बाद “श्री दत्तात्रेयाय नमः” मंत्र का जाप करें।

भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र के सामने आसन लगा कर बैठें और स्तोत्र और गुरुचरित्र का पाठ करें।

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