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Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी कल, जानें भगवान को सुलाने के लिए पढ़ते हैं कौन सा मंत्र

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी 26 एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण है। इसी दिन से चातुर्मास शुरू होता है और चार माह के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है देवशयनी एकादशी पर भगवान को सुलाने यानी पूजा के लिए कौन सा मंत्र जपना चाहिए ....

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Devshayani Ekadashi Mantra

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी कल, जानें भगवान को सुलाने के लिए पढ़ते हैं कौन सा मंत्र

Devshayani Ekadashi: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस दिन से 4 माह भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाएंगे। इसी कारण चार माह तक शुभ कार्य नहीं होते। इस समय से चातुर्मास भी शुरू होता है। इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। इस दिन पूजा अर्चना कर भगवान विष्णु को विशेष मंत्रों के सुलाया जाता है। आइये जानते हैं हरिशयनी एकादशी विशेष मंत्र और पूजा विधि …

देवशयनी एकादशी पूजा विधि

  1. देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर श्रीविष्‍णु की मूर्ति या चित्र रख कर दीप जलाएं।
  2. भगवान विष्णु को पीला वस्त्र चढ़ाएं और पीली वस्तुओं का भोग लगाएं।
  3. तुलसी या चंदन की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें या लगातार श्री हरि के मंत्र का जाप करें।
  4. फिर आरती करें।

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देवशयनी एकादशी मंत्र

देवशयनी एकादशी संकल्प मंत्र

सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र

सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।

क्षमा मंत्र

भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।