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धनतेरस : इनके अवतार हैं भगवान धन्वंतरि, जानें जन्म की कथा

Bhagwan Dhanvantari Puja History for dhanteras. क्या आप जानते हैं कि धनवंतरि जी के रूप में समुद्र मंथन से किस भगवान के अंश अवतार लिया था। जानें भगवान धनवंतरि जी के जन्म की कथा एवं महत्व

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भोपाल

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Shyam Kishor

Oct 17, 2019

धनतेरस : इनके अवतार हैं भगवान धन्वंतरि, जानें जन्म की कथा

धनतेरस : इनके अवतार हैं भगवान धन्वंतरि, जानें जन्म की कथा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान श्री धन्वंतरि जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। साल 2019 में धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है। धनतेरस के दिन भगवान श्री धनवंतरि की पूजा तो का जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनवंतरि जी के रूप में समुद्र मंथन से किस भगवान के अंश अवतार लिया था। जानें भगवान धनवंतरि जी के जन्म की कथा एवं महत्व।

शास्त्रों में वर्णित कथानुसार, भगवान धन्वंतरि जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था, भगवान धन्वंतरी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को कलश लेकर ही समुद्र से प्रकट हुए थे। इसलिए ही धनतेरस के दिन धातु के बर्तन आदि खरीदने की परम्परा भी है। कहीं-कहीं लोक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन खरीददारी करने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं और दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने खेतों में बोते हैं। ऐसा करने से घर में अन्न और धन का भंडार भरे रहते हैं।

भगवान विष्णु के अवतार है धन्वंतरि जी

भगवान धन्वंतरि को हिन्दू धर्म में देवताओं का वैद्धय माना जाता है। धन्वंतरि जी एक महान चिकित्सक थे, जिन्हें देव पद प्राप्त हुआ। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों की कथानुसार लोक कल्याण के लिए समुद्र मंथन से कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान विष्णु ने धन्वंतरि जी के रूप में अवतार लिया था। तभी से प्रतिवर्ष कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इसके बाद ही चतुर्दशी तिथि को काली माता और अमावस्या के दिन भगवती माता महालक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव समुद्र मंथन से हुआ था, इसीलिये दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस को भगवान धन्वंतरि का जन्म धनतेरस पर्व के रूप में मनाया जाता है।

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