
कोरोना महामारी से बचना है तो सोमवार को ऐसे करें मृत्युंजय महादेव का अभिषेक
कालों के काल भगवान शंकर, 'आशुतोष' मृत्युंजय महादेव अपनी शरण में आने वाले सभी सभी भक्तों को दीर्घायु व स्वस्थ जीवन प्रदान करते हैं। अगर आप कोरोना नामक भयंकर महामारी से अपनी और अपने देशवासियों का रक्षा करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन भगवान मृत्युंजय महादेव का अभिषेक शहद या फिर गाय के दूध मिले जल से करें। अभिषेक करते समय 108 बार महामृत्युंजय महामंत्र का जप कोरोना वायरस से रक्षा की भावना से करते रहे। शिवजी का अभिषेक करने के बाद 108 बेलपत्र अर्पित करें, एवं शिवजी की इस स्तुति का पाठ करें। कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए उपोरक्त विधि से शिवाभिषेक सुबह, दोपहर एवं शाम के समय करें।
इस स्तुति का पाठ भगवान श्रीराम ने रावण के आतंक से धरती को मुक्त कराने के लिए किया था, जिससे प्रसन्न होकर विजयश्री का आशीर्वाद दिया। रामायण के अनुसार अगर समाज में असूरों का आतंक, प्राकृतिक आपदा या फिर कोई बड़ी महामारी जैसे संकटों के समय 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से शीघ्र लाभ मिलता है। वर्तमान समय में कोरोना महामारी से बचने के लिए उपरोक्त विधि से शिवजी का अभिषेक करने के बाद इस स्तुति का पाठ जरूर करें।
।। अथ श्री रुद्राष्टकम स्तुति ।।
1- नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
2- निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं। गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकालकालं कृपालं। गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्॥
3- तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं। मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्॥
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा॥
4- चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्॥
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं। प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि॥
5- प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं। अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं॥
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं। भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥
6- कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी। सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी॥
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥
7- न यावद् उमानाथपादारविन्दं। भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं। प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥
8- न जानामि योगं जपं नैव पूजां। नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्॥
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं। प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो॥
9- रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये॥
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति॥
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Updated on:
29 Mar 2020 09:57 am
Published on:
29 Mar 2020 09:41 am
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