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11वें रुद्रावतार, परम श्रीराम भक्त, कलयुग के देवता और चिरंजीवी श्री हनुमानजी (Hanuman) को सनातन धर्म में समस्त संकटों को हर लेने वाला माना गया है, और इसी कारण वे संकट मोचक भी कहलाते हैं। श्री हनुमान यानि बजरंबली का आशीष प्राप्त करने के चलते ही भक्त उनकी पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की चेष्टा करते हैं।
ज्ञात हो कि हनुमान जी (Hanuman Puja) का सप्ताह में मुख्य दिन मंगलवार माना गया है। वहीं इनका काफी हद तक अधिपत्य शनिवार पर भी माना जाता है। ऐसे में मान्यता है कि हनुमान जी की मंगलवार को ध्यान पूर्वक श्रृद्धा से की गई पूजा (Hanuman Puja) भक्तों को विशेष फल प्रदान करती है। इसके अलावा जानकारों का ये भी मानना है कि प्रत्येक भक्त को हनुमान जी की पूजा (Hanuman Puja) करने के बाद अंत में रोज में उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए। तो चलिए यहां पढ़ते हैं श्री हनुमान जी की आरती...
आरती हनुमान जी (Hanuman aarti) की...
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके
अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे
पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
हनुमान जी की आरती (Hanuman Puja) का महत्व...
हिंदू मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की पूजा (Hanuman Puja) करने से भक्तों के सभी कष्टों का अंत हो जाता है। और उन्हें सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के रुद्रावतार होने के कारण हनुमान जी भी भगवान शिव की तरह ही भोले हैं और बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। श्री हनुमान अपने हर भक्त से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और इस कारण वो अपने किसी भी भक्त को कष्ट (Hanuman Puja) में नहीं देख सकते हैं। माना जाता है कि ऐसे में प्रत्येक भक्त को हनुमान लला की मन से पूजा अवश्य करनी चाहिए।
माना जाता है कि हनुमान जी की आरती (Hanuman aarti) करने से मनुष्य भयमुक्त हो जाता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार भी अगर आप किसी रोग का निदान चाहते हैं, तो आपको हनुमान जी आरती (Hanuman Puja) रोज करनी चाहिए। इसके पाठ से नकरात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यही नहीं जो मनुष्य हनुमान जी (Hanuman Puja) की आरती नियमित रूप से करता है, उसके परम धाम जाने का मार्ग भी सरल हो जाता है।
Published on:
14 Nov 2022 07:04 pm
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