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गर्भवती स्त्री रोज सुबह-शाम उच्चारण करें यह मंत्र, जन्म लेगी संस्कारवान संतान

locationभोपालPublished: Nov 16, 2019 10:56:42 am

Submitted by:

Shyam

Gayatri Mantra : Benefits for Pregnant Women. गर्भवती स्त्री रोज सुबह-शाम उच्चारण करें यह मंत्र, जन्म लेगी संस्कारवान संतान

गर्भवती स्त्री रोज सुबह-शाम उच्चारण करें यह मंत्र, जन्म लेगी संस्कारवान संतान

गर्भवती स्त्री रोज सुबह-शाम उच्चारण करें यह मंत्र, जन्म लेगी संस्कारवान संतान

प्रत्येक माता पिता की यह हार्दिक इच्छा रहती है कि उनकी संतान बहुत सुन्दर, संस्कारवान, बुद्धिमान एवं स्वस्थ जन्म ले। धार्मिक मान्यतानुसार, गर्भावस्था में शिशु का शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास कर उसे मन चाहे सांचे मं ढाला जा सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर परिवार में एक संस्कारवान संतान जन्म ले तो, गर्भवती स्त्री हर रोज सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त के बाद इतनी बार इस मंत्र का उच्चारण अपने गर्भ पर हाथ रखकर करें। जानें गर्भवती स्त्री रोज कौन से मंत्र का जप करें।

 

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जो पहली बार माता-पिता बनने जा रहे होते हैं, उनकी भी इच्छा यही रहती है कि उनके घर जो संतान जन्म ले वह उनका और उनके माता-पिता का नाम रोशन करें। गर्भवती स्त्री हर रोज सुबह-शाम इस मंत्र का जप एवं उच्चारण करे। मंत्र के दिव्य प्रभाव से आपके घर में भी राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर मुहम्मद, ईसा, भक्त प्रह्लाद, शिवाजी, विवेकानंद, अब्दुल कलाम, जैसी दिव्य संस्कारवान संतान जन्म ले सकती है। हम समाज और राष्ट्र को एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाला नागरिक दे सकते हैं। इसके लिए गर्भ में ही शिशु का पोषण कर उसके शरीर और शरीर को चलाने वाली अन्तःचेतना का विकास किया जाना अवश्यंभावी है।

 

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इस मंत्र का करें उच्चारण

गर्भवती महिलाएं हर रोज सूर्यादय से पहले अगर स्नान कर लें तो उत्तम है और स्नान नहीं कर पाए तो कोई दोष नहीं- बिस्तर पर बैठकर अपने गर्भ पर सीधा हाथ रखकर सूर्योदय के 10 मिनट पहले ही 51 बार एवं सूर्यास्त के 10 मिनट बाद 51 बार गायत्री महामंत्र का उच्चारण करें। गायत्री मंत्र का उच्चारण करते समय गायत्री के देवता सूर्य के प्रखर प्रचंड तेज का ध्यान करते रहे और भाव करें की आपकी गर्भ में जो संतान पल रही है वह जन्म लेने के बाद दिव्य, तेजस्वी, बुद्धिमान, चतुर, निरोगी, समाज की प्रिय, यशस्वी, एवं दीर्घजीवी होगी। उक्त क्रम को गर्भधारण के तीसरे माह से लेकर शिशु के जन्म लेने तक करना है।

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