21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Guru Ka Mantra: भाग्य नहीं दे रहा साथ तो इस देवता को करिए प्रसन्न, सिर्फ एक मंत्र खोल देगा किस्मत का बंद ताला

Guru Ka Mantra Bhagya Ka Sath Pane Ke Upay जीवन में किसी को थोड़ी सी मेहनत से बड़ी सफलता मिलती है और किसी का परिश्रम भी बेकार चला जाता है। ऐसे लोगों के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं। यदि आपका भी भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो इस देवता की छोटी सी पूजा आपके दुर्भाग्य को दूर कर सकता है, यहां जानिए यह भाग्य वृद्धि मंत्र और दुर्भाग्य दूर करने के उपाय (Guru Ka Mantra)..

2 min read
Google source verification
bhagya ka sath pane ke upay

भाग्य का साथ पाने के उपायः बृहस्पति देव का मंत्र आपके रूठे भाग्य को मना लेगा

भाग्य पर क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन पर नवग्रहों का बड़ा असर पड़ता है। कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति से ही व्यक्ति वर्तमान और भविष्य का सहज ही अनुमान लग जाता है। यदि कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी है तो व्यक्ति को अच्छे फल मिलते हैं और कुंडली में ग्रहों की स्थिति खराब है तो व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है। लाख कोशिश के बाद भी वह लक्ष्य से दूर ही रहता है। जबकि यदि कर्म के साथ इन ग्रहों का अच्छा साथ मिल जाए तो व्यक्ति का जीवन आसान और सफलता भरा हो जाता है। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इनमें गुरु ग्रह (Guru Ka Mantra) समेत इन ग्रहों को प्रसन्न करने वाले मंत्रों का विशेष स्थान है। इसके चलते अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं।

ये हैं भाग्य के देवता

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देव गुरु बृहस्पति भाग्य के देवता हैं। नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु का दर्जा प्राप्त है। ये भाग्य के साथ धन के भी कारक हैं। इसी कारण ये आपके जीवन में भाग्य के प्रमुख निर्धारक हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में बृहस्पति की की स्थिति आपके भाग्य को अच्छा या बुरा बनाता है।

यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी है और ये उच्च के हैं, मित्र स्थान में हैं, इनसे क्रूर ग्रहों की युति या इन पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि नहीं है तो आपके जीवन में सबकुछ अच्छा होगा। भाग्य आपका हमेशा साथ देगा, कम परिश्रम में भी भरपूर सफलता मिलेगी। इसके उलट यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं है, बृहस्पति नीच के हैं, शत्रु स्थान में बैठे हैं, अस्त हैं या अकारक हैं तो भाग्य हमेशा रूठा रहेगा। कठिन संघर्ष करने पर भी सफलता मिलना कठिन होगा।

ये भी पढ़ेंः Jyeshtha Purnima Upay : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस पेड़ की पूजा से विवाह की बाधा होती है दूर, जानें इन 3 पेड़ पौधों की पूजा का महत्व

भाग्य के साथ के लिए बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के उपाय

आचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं है और आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो आपको बृहस्पतिदेव की कृपा पाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए किसी भी तरह 19 हजार बार नीचे बताए गए बृहस्पति मंत्र को जप लें, आपका भाग्य साथ देने लगेगा (Guru Ka Mantra Bhagya Ka Sath Pane Ke Upay) ।

  1. सरल मंत्र ऊं बृं बृहस्पतयै नम: या तांत्रिक मंत्र- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम: का जाप करें।

कब शुरू करें जाप

आचार्य वार्ष्णेय के अनुसार इस मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष के किसी भी गुरुवार से शुरू किया जा सकता है और 40 दिन में 19 हजार मंत्र जाप पूरा करना चाहिए। इसके बाद रोज कम से कम एक माला इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं, आप देखेंगे कि बृहस्पतिजी की कृपा से आपके जीवन में बदलाव आने लगेगा। यह सिद्ध मंत्र जरूर फल देता है और इसके जाप से जीवन भर भाग्य का साथ मिलता है। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए इसके साथ ही विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें, पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा जरूर पढ़ें।