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Hanuman ji fight Lord Shiva : हनुमान जी ने क्यों किया था भगवान शिव से युद्ध, अंत में क्या निकला इसका परिणाम

Hanuman ji fight Lord Shiva : भगवान शिव स्वयं हनुमान जी से युद्ध करने के बाद उनके पारक्रम से प्रसन्न हुए थे। क्योंकि हनुमान जी के पास भगवान शिव के सभी दिव्यास्त्रों का तोड़ था।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Dec 25, 2024

Hanuman ji fight Lord Shiva

Hanuman ji fight Lord Shiva

Hanuman ji fight Lord Shiva : पवन पुत्र हनुमान जी को लेकर कई कहानिया प्रचलित हैं। लोग उनके भगवान श्रीराम के परम भक्त के रूप में जानते हैं। इसके साथ ही हनुमान जी को उनके सरल और निर्मल स्वभाव के लिए भी जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान शिव और हनुमान जी के बीच में प्रलयंकारी युद्ध हुआ था? आइए जातने हैं पूरी कहानी।


अश्वमेध को बनाया बंदी


धार्मिक कथाओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या लौटे तो उन्होंने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन कराया। जिसमें स्वतंत्र विचरण के लिए एक घोड़ा छोड़ दिया। मान्यता है कि जब यह अश्व देवपुर पहुंचा, तो इसे राजा वीरमणि के पुत्र रुक्मांगद ने बंदी बना लिया।


देवपुर पर सेना की चढ़ाई


जब भगवान राम सेना को इसका पता लगा, जिसके बाद उन्होंने देवपुर पर चढ़ाई करने की तैयारी कर दी। इसके साथ ही वीरमणि ने अपने सेनापति रिपुवार को अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार करने का आदेश दिया। जिसके बाद भगवान राम की सेना और रुक्मांगद की सेना के बीच भीषण युद्ध हो शुरु हो गया।


भक्त की रक्षा के लिए रणभूमि आए शिव


इस युद्ध में हनुमान जी ने सभी को पराजित कर दिया। वहीं वीरमणि को भी हनुमान जी ने मूर्छित कर दिया। मान्यता है कि वीरमणि बहुत बड़ा शिवभक्त था। जिसे भगवान शिव ने उसके संकट में सहायता करने का वरदान दिया था।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव अपने भक्त की रक्षा करने के लिए अपने गणों के साथ युद्ध भूमि पर पहुंच गए। जिसके बाद भगवान शिव ने पूरी सेना को छिन्न-भिन्न कर दिया। जिसमे वीरभद्र ने शुत्रुध्न के पुत्र का शिर धड़ से अलग कर दिया। वहीं महादेव ने शत्रुध्न को घायल कर दिया।


हनुमान जी को आया क्रोध


यह देखकर हनुमान जी के अंदर क्रोध की ज्वाला भड़कने लगी और भीषण गर्जना के साथ अपनी सेना का मनोबल बढ़ाते हुए शिव जी के सामने खड़े हो गए। जिसके बाद भगवान शंकर और महाबली हनुमान जी के बीच भयंकर युद्ध हुआ।


भगवान राम हुए प्रकट


मान्यता है कि जब दोनों के बीच युद्ध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, तब भगवान श्रीराम प्रकट हुए और हनुमान जी को समझाया कि आप जिससे युद्ध कर रहे हो वही शिव है और वही राम। यह सुनकर हनुमान जी को भगवान शिव मे श्रीराम का स्वरूप नजर आने लगा और हाथ जोड़कर खड़े हो गए।

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