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Hariyali Teej 2021 दांपत्य व प्रेम संबंधों के लिए बहुत खास दिन, छोटी सी इस पूजा से बढ़ता है प्यार

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deepak deewan

Aug 11, 2021

Hariyali Teej Puja Vidhi Shubh Muhurat Hariyali Teej Vrat Katha

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श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि दांपत्य व प्रेम संबंधों के लिए बहुत खास दिन है। इस दिन पर अखंड सौभाग्य की कामनापूर्ति के लिए भगवान शिव-पार्वती की उपासना की जाती है। ज्योतिर्विद पंडित सोमेश परसाई के अनुसार हरियाली तीज में सुहागिनें अटल सुहाग और कन्याएं सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

इस बार हरियाली तीज पर शिव योग होने से शिव की स्तुति-आराधना विशेष पुण्यकारी होगी। तृतीया तिथि जया तिथि मानी गई है जिसका तात्पर्य हरियाली से भी है। यह तीज प्रकृति की पूजा का पर्व भी है। धरती की हरियाली देखकर खुशी होती है। इस दिन सोलह श्रृंगार कर महिलाएं पूजन करती हैं, झूले झूलती हैं। लोक गीत गाकर खुशियां मनाई जाती हैं।

Hariyali Teej 2021 विवाह के इच्छुक प्रेमी—प्रेमिका के लिए बहुत फलदायी है यह व्रत

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान एवं मप्र के कुछ क्षेत्रों में यह तीज खासतौर पर मनाई जाती है।
तीज का पौराणिक धार्मिक महत्त्व रहा है। इस दिन परंपरागत रूप से माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस श्रावण शुक्ल तृतीया (तीज) के दिन देवी पार्वती ने वर्षों की तपस्या साधना के बाद भगवान शिव को प्राप्त किया था।

पार्वतीजी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए सावन माह में व्रत रखा। देवी की तपस्या से प्रसन्न हो भगवान शिव ने उन्हें अपनी वामांगी होने का आशीर्वाद प्रदान किया। इसी कारण से विवाहित महिलाएं इस व्रत को अपने सुखी विवाहित जीवन की कामना के लिए करती हैं। इस दिन स्त्रियां मां पार्वती का पूजन एवं आह्वान करती हैं। तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्त्व है।

मां को रिक्शे पर लेकर तीर्थ कराने निकल पड़ा बेटा

माता पार्वती शिवजी से अनन्य प्रेम करती थीं और पतिरूप में उन्हें केवल वे ही स्वीकार थे। घर-परिवार-समाज-संसार का विरोध सहते हुए भी वे शिव को प्राप्त करने के लिए कठिन तप करती रहीं और अंतत: शिवप्रिया बनीं भी। उमा-शंकर का यह प्रेम और फिर विवाह सभी प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए आदर्श है। यही कारण है कि हरियाली तीज प्रेमियों का भी पर्व है।

अपने प्रेम को प्राप्त करने के लिए इस दिन शिव पूजा जरूर करनी चाहिए। हरियाली तीज पर व्रत रखकर विधिविधान से शिवपूजन करें, शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करें, जलाभिषेक करें। फिर ओमकार मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें। ओमकार मंत्र का जितना ज्यादा जाप करेंगे उतना ही अधिक लाभ मिलेगा। सौभाग्य और प्रेम का यह व्रत इस बार शिव योग में पड़ा है जोकि बहुत उत्तम माना जाता है।