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Holika Dahan: ये हैं होलिका दहन के नियम, पूजा सामग्री और आसान मंत्र

Holika Dahan 2024: फाल्गुन पूर्णिमा आज 24 मार्च को है, इसी दिन यानी होली से एक दिन पहले होलिका दहन 2024 होगा। ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन एक यज्ञ है। इसलिए होलिका दहन (छोटी होली) के समय परंपरा का पालन करना चाहिए और विधि पूर्वक मंत्रोच्चार संग पूजा कर होलिका दहन करना चाहिए। साथ ही इस समय वहां मौजूद सभी लोगों को यज्ञ में शुद्ध सामग्री, तिल, मूंग, जड़ी बूटी आदि उसमें डालना चाहिए (Holika Dahan Puja Vidhi Mantra)।

Mar 24, 2024 / 07:28 pm

Pravin Pandey

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होलिका दहन 2024 पूजा सामग्री पूजा विधि और मंत्र


अंतरराष्ट्रीय ज्योतिर्विद आचार्या अंजना के अनुसार कई स्थानों पर होलिका पूजन षोडशोपचार पद्धति से लोग करते हैं। लेकिन यह संभव नहीं है तो न्यूनतम पंचोपचार पूजन अवश्य करना चाहिए। इसके लिए होलिका पूजन सामग्री जुटा लेनी चाहिए। आइये जानते हैं क्या है होलिका पूजन सामग्री

होलिका पूजन के लिए सबसे पहले पूजा की थाली, हल्दी-कुमकुम, चंदन, फुल, तुलसीदल, अक्षत, अगरबत्ती घर, अगरबत्ती, फुलबाती, निरांजन, कर्पूर, कर्पूरार्ति, दियासलाई अर्थात मैच बाक्स, कलश, आचमनी, पंचपात्र, ताम्रपात्र, घंटा, समई, तेल और बाती, मीठी रोटी का नैवेद्य परोसी थाली, गुड़ डालकर बनाई बिच्छू के आकार की पूड़ी (अग्नि में समर्पित करने के लिए) जुटा लेना चाहिए। इसके बाद ऐसे करें होलिका पूजा
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1. सूर्यास्त के समय पूजन करने वाला व्यक्ति स्नान ध्यान कर स्वच्छ होकर होलिका पूजन की शुरुआत करे।
2. पूजा करने वाला व्यक्ति पूजा स्थान पर रखे पीढ़े पर बैठे और आचमन करे ।
3. होलिका पूजन का संकल्प करें, इसके लिए यह मंत्र पढ़े…(रिक्त स्थान पर अपना नाम गोत्र पढ़ें).. गोत्रे उत्पन्नः …. शर्मा अहं मम सपरिवारस्य श्रीढुंढाराक्षसी प्रीतिद्वारा तत्कर्तृक सकल पीड़ा परिहारार्थं तथाच कुलाभिवृद्ध्यर्थंम् श्रीहोलिका पूजनम् करिष्ये।
4. अब चंदन और पुष्प चढ़ाकर कलश, घंटी और दीपपूजन करें ।
5. तुलसी के पत्ते से पूजा साहित्य को पोछें, अब कपूर की सहायता से होलिका जलाएं, होलिका पर चंदन चढाएं । होलिका पर हल्दी चढ़ाएं और कुमकुम चढ़ाकर पूजन शुरू करें ।
– होलिका जलाते समय यह मंत्र पढ़ें
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः ।
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ।

6. फिर फूल चढ़ाएं और अगरबत्ती जलाएं, दीप दिखाएं।
7. होलिका को मीठी रोटी का नैवेद्य अर्पित कर प्रदीप्त (जल रही) होली में उसे अर्पित करे । दूध एवं घी एकत्रित कर उसको होलिका में डालें।
8. होलिका की तीन परिक्रमा करें, परिक्रमा पूरी होने पर मुंह पर उलटे हाथ रखकर ऊंचे स्वर में चिल्लाएं, गुड़ और आटे से बने बिच्छू आदि मंत्र पढ़ते हुए अग्नि में समर्पित करे । सब मिलकर अग्नि के भय से रक्षा करने की प्रार्थना करें ।
– यह मंत्र फिर पढ़ें
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः ।
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ॥

9. कई स्थानों पर होली के शांत होने से पूर्व इकट्ठे हुए लोगों में नारियल, चकोतरा (जिसे कुछ क्षेत्रों में पपनस कहते हैं, यह नींबू की प्रजाति का खट्टा-मीठा फल है) जैसे फल बांटे जाते हैं । कई स्थानों पर इसके बाद सारी रात नृत्य-गायन आदि होता है।
10. होलिका दहन के दौरान गेहूं की बाल इसमें सेंकनी चाहिए और उसे लाकर घर में सुरक्षित रख देनी चाहिए। मान्यता है इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
11. बाद में होलिका दहन से निकली राख को जिसे होलिका भस्म कहा जाता है, इसे शरीर पर लगाना चाहिए। इस समय इस मंत्र को पढ़ना चाहिए। मान्यता है कि होली की गर्म राख घर में समृद्धि लाती है। साथ ही ऐसा करने से घर में शांति और प्रेम का वातावरण निर्मित होता है।
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रम्हणा शंकरेण च ।
अतस्त्वं पाहि माँ देवी! भूति भूतिप्रदा भव ॥

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