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श्री कृष्ण का आशीर्वाद चाहते हैं तो भाद्रपद ऐसे करें पूजा और इन मंत्रों का करें जाप

श्री कृष्ण के मंत्र और पूजा विधि...

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How to get blessings of Lord Krishna

How to get blessings of Lord Krishna

इस साल यानि 2020 के अगस्त की 4 तारीख से सावन की समाप्ति के साथ ही भाद्रपद माह शुरू हो चुका है। 4 अगस्त को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि व दिन मंगलवार था।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार धार्मिक मान्यताओं में भाद्रपद माह विष्णु भगवान को अधिक प्रिय बताया गया है। जिसके चलते भक्त श्रावण माह में जिस तरह से पूरी श्रद्धा विश्वास से भगवान शंकर की पूजा करते हैं ठीक वैसे ही भादो के माह में श्री हरि की और इनके श्री कृष्ण स्वरूप की पूजा करते हैं।

ज्ञात हो कि हिंदू धर्म के ग्रंथों में किए वर्णन के अनुसार इसी माह में भगवान नारायण ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। जिस कारण इस माह का महत्व अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में जहां एक तरफ़ श्री कृष्ण से जुड़े उपाय आदि करने लाभदायक होते हैं। उसमें भी भाद्रपद माह के बृहस्पतिवार पूजा के लिए विशेष माने जाते हैं, क्योंकि बृहस्पतिवार के कारक देव ही श्री विष्णु हैं।

तो वहीं इस दौरान श्री कृष्ण भगवान के मंत्रों का उच्चराण करना भी अधिक लाभदायक माना जाता है। आइये जानते हैं कि इस दौरान क्या करें और क्या नहीं -

भगवान कृष्ण की करें पूजा-
पंडित शर्मा के अनुसार इस मास में विशेष रूप से श्री कृष्ण भगवान की अराधना की जाती है। जो भी जातक इनकी इस माह में पूजा करना का इच्छुक हो उसे पूजन विधि से जुड़ी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, कि किस विधि से इनकी पूजा आदि करनी चाहिए।

ऐसे करें श्री कृष्ण की पूजा- shri Krishna puja vidhi
: श्री कृष्ण की पूजा के तहत इस दौरान चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं, चौकी पर भगवान कृष्ण की मूर्ति एक पात्र में रखिए। इसके सामने दीपक जलाएं, साथ ही धूपबत्ती करें।

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: इसके बाद सबसे पहले श्री कृष्ण भगवान से पूजा संकल्प और उसके पूरा होने की प्रार्थना करें।

: फिर श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं, उसके बाद गंगाजल से स्नान कराएं।

: फिर श्री कृष्ण की मूर्ति/प्रतिमा को साफ़-सुथरे या नए वस्त्र पहनाकर इनका श्रृंगार करें और एक बार फिर से इनके समक्ष दीप जलाकर, धूप दिखाएं।

: ध्यान रहे पूजा के दौरान इन्हें अष्टगंध चन्दन या रोली का ही तिलक लगाएं, जिसमें अक्षत मिले हों।

: वही भोग में श्री कृष्ण को उनकी सबसे प्रिय माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए, ध्यान रहे हर व्यजंन में तुलसी का पत्ता विशेष रूप से हो।

इनके मंत्रों का करें जाप -
-ॐ कृष्णाय नम:
-ॐ अच्युताय नम:
-ॐ अनन्ताय, नम:
-ॐ गोविन्दाय नम

पं. शर्मा के अनुसार इस समय संभव हो तो भाद्रपद माह में श्रीमद्भग्वदगीता का पाठ भी करें, माना जाता है कि श्रीमद्भग्वदगीता का पाठ इस समय करना अति शुभदायक होता है।

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