खरीदारी के शुभ मुहूर्त
विवाह आदि में लेन देन के लिए गहनों से लेकर कपड़े, बर्तन व अन्य सामान खरीदते समय अक्सर जेहन में विचार आता है कि सामान यदि खरीदना है तो कोई शुभ मुहूर्त हो तो अच्छा है। आइए जानते हैं कि अच्छे और शुभ मुहूर्त किस तरह पता लगा सकते हैं।
विवाह आदि में लेन देन के लिए गहनों से लेकर कपड़े, बर्तन व अन्य सामान खरीदते समय अक्सर जेहन में विचार आता है कि सामान यदि खरीदना है तो कोई शुभ मुहूर्त हो तो अच्छा है। आइए जानते हैं कि अच्छे और शुभ मुहूर्त किस तरह पता लगा सकते हैं।
10 रेखा का सावा होता है श्रेष्ठ
विवाह समय निश्चित करने के लिए ज्योतिषीय ग्रंथकारों ने २१ महादोषों को त्यागने के लिए लिखा है परन्तु कई दोषों का परिहार होने से १० दोषों (लतादोष, पातदोष, युतिदोष, वेददोष, जामित्रदोष, बाणज्ञानदोष, एकारगलदोष, उपग्रहदोष, क्रांतिशाम्यदोष और दग्धातिथिदोष) का ही विचार होता है। इनमें से क्रूरयुति, वेद, मृत्युबाण, क्रांतिसाम्य और दग्धादोष ऐसे पांच महादोष हैं जो विवाह में सर्वत्र वर्जनीय होते हैं। आमतौर पर विवाह लग्न आदि में १० रेखा का सावा श्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि ये दोषरहित होते हैं। वहीं ५ रेखा से ऊपर के सावे विवाह लग्न के जरूरी होते हैं। लेकिन ५ रेखा से कम की स्थिति यदि बनती है तो विवाह मुहूर्त नहीं होता। विवाह आदि के मुहूर्त निकालते समय लग्न के साथ रेखा को भी अहम रूप से ध्यान में रखा जाता है।
विवाह समय निश्चित करने के लिए ज्योतिषीय ग्रंथकारों ने २१ महादोषों को त्यागने के लिए लिखा है परन्तु कई दोषों का परिहार होने से १० दोषों (लतादोष, पातदोष, युतिदोष, वेददोष, जामित्रदोष, बाणज्ञानदोष, एकारगलदोष, उपग्रहदोष, क्रांतिशाम्यदोष और दग्धातिथिदोष) का ही विचार होता है। इनमें से क्रूरयुति, वेद, मृत्युबाण, क्रांतिसाम्य और दग्धादोष ऐसे पांच महादोष हैं जो विवाह में सर्वत्र वर्जनीय होते हैं। आमतौर पर विवाह लग्न आदि में १० रेखा का सावा श्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि ये दोषरहित होते हैं। वहीं ५ रेखा से ऊपर के सावे विवाह लग्न के जरूरी होते हैं। लेकिन ५ रेखा से कम की स्थिति यदि बनती है तो विवाह मुहूर्त नहीं होता। विवाह आदि के मुहूर्त निकालते समय लग्न के साथ रेखा को भी अहम रूप से ध्यान में रखा जाता है।
इन बातों को ध्यान में रखना है जरूरी