शुभ मुहूर्त देखने के लिए आजमाएं ये टिप्स, हर काम में मिलेगी सफलता
आइए जानते हैं कि अच्छे और शुभ मुहूर्त किस तरह पता लगा सकते हैं।

कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। ऐसे में लोग धूम-धड़ाके से विवाह के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। जिन घरों में विवाह होने हैं, उन सभी घरों के परिजन भी खरीददारी में जुट गए हैं। कपड़े व गहनों के अलावा अन्य खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ दिखने लगी है।
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
विवाह आदि में लेन देन के लिए गहनों से लेकर कपड़े, बर्तन व अन्य सामान खरीदते समय अक्सर जेहन में विचार आता है कि सामान यदि खरीदना है तो कोई शुभ मुहूर्त हो तो अच्छा है। आइए जानते हैं कि अच्छे और शुभ मुहूर्त किस तरह पता लगा सकते हैं।
10 रेखा का सावा होता है श्रेष्ठ
विवाह समय निश्चित करने के लिए ज्योतिषीय ग्रंथकारों ने २१ महादोषों को त्यागने के लिए लिखा है परन्तु कई दोषों का परिहार होने से १० दोषों (लतादोष, पातदोष, युतिदोष, वेददोष, जामित्रदोष, बाणज्ञानदोष, एकारगलदोष, उपग्रहदोष, क्रांतिशाम्यदोष और दग्धातिथिदोष) का ही विचार होता है। इनमें से क्रूरयुति, वेद, मृत्युबाण, क्रांतिसाम्य और दग्धादोष ऐसे पांच महादोष हैं जो विवाह में सर्वत्र वर्जनीय होते हैं। आमतौर पर विवाह लग्न आदि में १० रेखा का सावा श्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि ये दोषरहित होते हैं। वहीं ५ रेखा से ऊपर के सावे विवाह लग्न के जरूरी होते हैं। लेकिन ५ रेखा से कम की स्थिति यदि बनती है तो विवाह मुहूर्त नहीं होता। विवाह आदि के मुहूर्त निकालते समय लग्न के साथ रेखा को भी अहम रूप से ध्यान में रखा जाता है।
इन बातों को ध्यान में रखना है जरूरी
- गणेश निमंत्रण से लेकर वधु की विदाई और गृह प्रवेश तक सभी विवाह और मांगलिक कार्यों में शुभ मुहूर्त आदि का विशेष रूप से पालन करना जरूरी है।
- विवाह संबंधी सामग्री खरीदते समय वर और वधु को चंद्रमा देखकर ही खरीदारी करनी चाहिए। इसमें खरीदारी के समय ४, ८ और १२ चंद्रमा नहीं होना चाहिए।
- घर से बाहर खरीदारी के लिए निकलते समय ध्यान रखें कि पुरुष का स्वर दायां और स्त्री का स्वर बायां होना चाहिए। (नाक का बायां नथुना अंगुली से बंद करने के बाद यदि बाएं नथुने से साफ स्वर आए तो ही जाएं, सांस लेने में तकलीफ हो तो थोड़ा समय टाल देना चाहिए)।
- घर से बाहर खरीदारी के लिए निकलते समय पुरुष को दायां पैर और स्त्री को बायां पैर मुख्य द्वार से पहले रखते हुए जाना चाहिए।
- विवाह में लग्न (फेरों का समय) का विचार करना जरूरी है। यदि लग्न दिन का है तो दिन में या रात का है तो रात को ही फेरे लेने चाहिए।
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