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Kaal Bhairav: काल भैरव के साथ क्यों रहता है काला कुत्ता, जानिए इसका रहस्य

Kaal Bhairav: धार्मिक मान्यता है कि काल भैरव काले कुत्त को अपने साथ इस लिए रखते हैं कि उसको सूक्ष्म जगत की आत्माओं को देखने की क्षमता प्रदान की गई है।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Nov 22, 2024

Kaal Bhairav

जानिए काल भैरव से काले कुत्ते का संबंध।

Kaal Bhairav: काल भैरव भगवान की तस्वीर में एक काला कुत्ता सबने देखा होगा। जिसकी भगवान के साथ पूजा भी होती है। इसको देखकर आपके मान में कई सवाल भी आए होंगे। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि काल भैरव से इस कुत्ते का क्या संबंध है। इसे बाबा भैरव अपने साथ क्यों रखते हैं ? आइए यहां जानते इसका रहस्य।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काल भैरव के साथ काले कुत्ते का रहस्य विशेष महत्वपूर्ण है। काल भैरव को भगवान शिव के अवतार के रूप में पूजा जाता है। जो समय, न्याय और मृत्यु के देवता माने जाते हैं। भैरव के पास काला कुत्ता क्यों रहता है इसके पीछे कई बातें हैं।

काला कुत्ता उग्र जानवर (Black Dog Furious Animal)

भगवान शिव के काल भैरव अवतार को उग्र स्वरूप माना जाता है। साथ ही काले कुत्ते को उग्र जानवर के रूप में देखा गया है। काले कुत्ते को मृतात्माओं और तामसिक शक्तियों से जुड़ा माना जाता है। इसे काल भैरव के साथ जोड़ने से यह समझा जाता है कि कुत्ता भैरव के साथ मृत्यु और समय के नियंत्रण के प्रतीक के रूप में है।

स्वामी का वफादार (Loyal To Master)

काले कुत्ते को तेज बुद्धि और मालिक के लिए वफादार जानवर माना गया है। काले रंग के कुत्ते में बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा करने की क्षमता होती है। काल भैरव का रूप भी अंधकार और शक्ति का प्रतीक है। इसलिए काले कुत्ते का साथ काल भैरव के रूप को और भी शक्ति और गूढ़ता प्रदान करता है।

पवित्रता और सुरक्षा का प्रतीक (Symbol Of Purity And Protection)

तंत्र-मंत्र और शिव पूजा में काले कुत्ते का विशेष महत्व होता है। क्योंकि यह पवित्रता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। काले कुत्ते की उपस्थिति को खासकर भैरव की पूजा में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना जाता है। इसलिए काल भैरव के साथ काले कुत्ते की उपस्थिति को कई धार्मिक, तात्त्विक और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों से जोड़ा जाता है। काले कुत्ते को खाना खिलाने का विशेष महत्व है। इससे भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं साथ ही सभी कष्ट दूर होते हैं।

कुत्ता सूक्ष्म जगत की आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है। भैरव को श्मशान निवासी बताया गया है, इसलिए श्मशान ही भैरव की कर्म स्थली है। भैरव शरीर का नाश कर आत्मा को मुक्त करते हैं और श्मशान में पशु के रूप में केवल कुत्ते ही दिखाई देते हैं। ऐसे में कुत्ता भैरव का साथी बना

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