
जानिए कार्तिक मास में गंगा स्नान का महत्व..
Kartik Purnima Par Ganga Snan: कार्तिक माह सनातन धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने की पूर्णिमा तिथि का दिन धार्मिक तौर पर विशेष महत्व रखता है। इस खास दिन पर लोग दान, पूजा-पाठ, दीप दान और अन्य पुण्यकारी काम करते हैं। वहीं इस खास अवसर पर लोग गंगा स्नान करने के लिए भी जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना क्यों पुण्यकारी माना गया है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने का बड़ा महत्व माना जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को लोग अपनी-अपनी आस्था के अनुसार स्नान करते हैं। जैसे - कोई घर पर ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करता है तो कोई पवित्र नदी में जा कर नहाता है। लेकिन इस पर्व के दिन जो इंसान गंगा नदी में स्नान करता है उसे 100 अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने के लिए आते हैं। जिससे गंगा का जल अमृतमय हो जाता है। इस विशेष दिन पर गंगा स्नान करने और गंगाजल का आचमन करने मात्र से पुण्यकारी फल मिलता है। भगवान शिव, विष्णु और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार मोक्षदायिनी देवी यानी मां गंगा की पूजा और गंगा स्नान करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर की सुबह 6:19 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 16 नवंबर को सुबह 2:58 बजे पर समाप्त हो जाएगी। इस पर्व पर सभी धार्मिक गतिविधियां जैसे स्नान, दान, व्रत और पूजा पाठ 15 नवंबर को किए जाएंगे।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
14 Nov 2024 07:47 pm
Published on:
12 Nov 2024 08:46 pm
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