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मकर संक्रांति तक बना गुर्वादित्य काल, जानें शुभ काम के लिए क्यों है वर्जित

kharmas me shubh muhurt kyo nahi rahta hai: खरमास का महीना ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण है, इस समय गुर्वादित्य काल बना है। लेकिन इस समय शुभ काम के लिए मुहूर्त नहीं रहते, ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से आइये जानते हैं इसका रहस्य

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kharmas me shubh muhurt kyo nahi rahta hai

kharmas me shubh muhurt kyo nahi rahta hai: खरमास में शुभ मुहूर्त क्यों नहीं रहता है

kharmas me shubh muhurt kyo nahi rahta hai: कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास के अनुसार खरमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं, लेकिन पूजा पाठ और धार्मिक कार्य कई गुना पुण्यफलदायक होता है।

डॉ. व्यास के अनुसार खरमास में श्रीराम कथा, भागवत कथा, शिव पुराण का पाठ करने का विधान है। मान्यता है कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा कर लेना चाहिए। ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने से सूत्र भी मिलते हैं। ग्रंथों में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं।


इसके अलावा ज्योतिष में भी खरमास की महत्ता बताई गई है। इसके अनुसार धनु और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति होते हैं। इनमें राशियों में जब सूर्य आता है तो खरमास दोष लगता है। ज्योतिष तत्व विवेक नाम के ग्रंथ में कहा गया है कि सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य रहता हो तो उस काल को गुर्वादित्य कहा जाता है, जो कि सभी शुभ कामों के लिए वर्जित माना गया है।

खरमास और गुर्वादित्य काल में क्यों नहीं रहते हैं शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य व्यास के अनुसार सूर्य एक मात्र प्रत्यक्ष देवता और पंचदेवों में से एक है। किसी भी शुभ काम की शुरुआत में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। जब सूर्य अपने गुरु की सेवा में रहते हैं तो इस ग्रह की शक्ति कम हो जाती है।


साथ ही सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कम होता है। इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति की वजह से मांगलिक कर्म न करने की सलाह दी जाती है। विवाह के समय सूर्य और गुरु ग्रह अच्छी स्थिति में होते हैं तो विवाह सफल होने की संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।

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गुर्वादित्य काल में क्या करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास और गुर्वादित्य काल में रोज सूर्य ग्रह की पूजा करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। जल में कुमकुम, फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए। सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।

मकर संक्रांति पर खत्म होगा खरमास

पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा खर मास 2025 के पहले महीने में 14 जनवरी को होगा। पंचांग के मुताबिक जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में आ जाएगा तो मकर संक्रांति होगी। इसके शुरू होते ही खर मास खत्म हो जाता है। 14 जनवरी को सूर्य मकर में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही खर मास खत्म हो जाएगा।