धर्म-कर्म

Kali Puja Mantra: ये हैं काली के सबसे पॉवरफुल मंत्र और स्त्रोत, नवरात्रि के सातवें दिन पूजा से कट जाते हैं अशुभ ग्रहों के दोष

Maa Kali Mantra : नवरात्रि के सातवें दिन मां पार्वती के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी के इस स्वरूप की उपासना से अशुभ ग्रहों के दोष भी कट जाते हैं। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है। इसके लिए धार्मिक ग्रंथों में मां काली मंत्र और कालरात्रि स्तुति (maa kalratri stuti) आदि बताए गए हैं, आइये जानते हैं..

Apr 15, 2024 / 08:46 am

Pravin Pandey

नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है मां काली की पूजा, मां कालरात्रि के गुण और स्वभाव जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर


नवरात्रि उत्सव के सातवें दिन मां पार्वती के सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा-आराधना की जाती है। इस देवी का कर्मफलदाता और दंडाधिकारी शनि ग्रह पर शासन है, जो व्यक्ति मां कालरात्रि की पूजा करता है, शनि उन्हें शुभ फल देते हैं। मां पार्वती का यह उग्र स्वरूप। इस स्वरूप को माता पार्वती ने शुम्भ और निशुम्भ के वध के लिए धारण किया था। इसके लिए इन्होंने वाह्य स्वर्णिम त्वचा को हटा दिया था। इनका रंग रात के समान अत्यंत काला और भयंकर है। इसी कारण इन्हें देवी कालरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन माता इस स्वरूप में शीघ्र प्रसन्न होने वाली और हर मनोकामना पूरी करने वाली हैं।

धार्मिक ग्रंथों में मां कालरात्रि को घोर श्याम वर्ण वाली और गधे पर सवार बताया जाता है। साथ ही देवी मां को चतुर्भुज रूप में दर्शाया गया है। उनके दाहिने हाथ अभय और वरद मुद्रा में रहते हैं, जबकि वह अपने बायें हाथों में तलवार और लोहे का घातक अंकुश धारण करती हैं।

मां काली अपने भक्तों को अभय और वरद मुद्रा से आशीर्वाद प्रदान करती हैं। उग्र रूप में विद्यमान अपनी शुभ और मंगलकारी शक्ति के कारण देवी कालरात्रि को देवी शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा देवी कालरात्रि को देवी महायोगीश्वरी और देवी महायोगिनी के रूप में भी जाना जाता है। मां काली का प्रिय पुष्प रात रानी है।
ये भी पढ़ेंः दुनिया भर के चमत्कारी मंदिरों के विषय में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥


एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ये भी पढ़ेंः त्योहारों के विषय में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


करालवन्दना घोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।
कालरात्रिम् करालिंका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम्॥
दिव्यम् लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्।
अभयम् वरदाम् चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम्॥
महामेघ प्रभाम् श्यामाम् तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥
सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।
एवम् सचियन्तयेत् कालरात्रिम् सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥

हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥

ये भी पढ़ेंः पूजा विधि और मंत्र जानने के लिए यहां क्लिक करें

ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पादौ श्रीकालरात्रि।
ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।
कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी॥
वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।
तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥


कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचण्डी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिन्ता रहे ना बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली माँ जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि मां तेरी जय॥

Home / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Kali Puja Mantra: ये हैं काली के सबसे पॉवरफुल मंत्र और स्त्रोत, नवरात्रि के सातवें दिन पूजा से कट जाते हैं अशुभ ग्रहों के दोष

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.