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आज नए साल के पहले दिन जप लें यह मंत्र, पूरे साल रोगों से होगी रक्षा

आज नए साल के पहले दिन जप लें यह मंत्र, पूरे साल रोगों से होगी रक्षा

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भोपाल

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Shyam Kishor

Jan 01, 2020

आज नए साल के पहले दिन जप लें यह मंत्र, पूरे साल रोगों से होगी रक्षा

आज नए साल के पहले दिन जप लें यह मंत्र, पूरे साल रोगों से होगी रक्षा

अंग्रेजी नए साल 2020 का आरंभ 1 जनवरी बुधवार के सूर्योदय के साथ ही हो गया। अगर आप चाहते हैं कि साल 2020 आपके जीवन को सभी तरह के रोगों से बचाकर रखें तो, साल के पहले ही दिन इस महाकाल मंत्र का जप जरूर करें। वैसे तो तंत्र शास्त्र में अनेक ऐसे मंत्र दिये गये हैं जिनका प्रयोग करके व्यक्ति अनगिनत समस्याओं का निवारण कर सकता है। लेकिन यह मंत्र ऐसा है जिसके जप करने से गंभीर से गंभीर बीमारियां भी ठीक हो जाती है और अगर इस मंत्र का जप प्रतिदिन किया जाएं तो जप करने वाले व्यक्ति को आजीवन किसी भी तरह की बिमारी नहीं होती, साथ अनेक मनोकामनाएं भी पूरी होने लगती है।

भगवान महाकाल का महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका नियमित जप करने से जपकर्ता को एक साथ कई तरह के लाभ होने के साथ दीर्घयुस्य की प्राप्ति भा होती है।

तांत्रिक बीजोक्त मंत्र-

।। ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ ।।

नए साल में उपरोक्त प्रभावशाली संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है। लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां रखना भी अनिवार्य है जिसका पालन करने के बाद ही इसका संपूर्ण लाभ जपकर्ता को मिलने लगता है।

जप करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

1- तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें।

2- मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया हैं उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें।

3- मंत्र का उच्चारण ऐसे करे की पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। यदि अभ्यास न हो तो बहुत ही धीमे स्वर में जप करें।

4- जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलते रहना चाहिए ।

5- रुद्राक्ष की माला से ही तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

6- कुशा के आसन पर बैठकर ही जप करें।

7- जपकाल में आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें।

8- जप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए।

9- जप पूरा होने के बाद दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें।

10- जितने दिन तक जप का संकल्प लिया उतने दिनों तक भूमि पर शयन करें, एवं ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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