
माणिक्य रत्न
Manikya Ratna: माणिक्य एक बहुमूल्य रत्न है। इसे रूबी के नाम से भी जाना जाता है। इसका रंग अनार के दाने जैसा गुलाबी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे सूर्य का रत्न माना जाता है। रूबी रत्न को व्यक्ति की ऊर्जा, आत्म विश्वास और सकारात्मकता बढ़ाने के लिए पहना जाता है। आइए जानते हैं माणिक्य धारण करने के नियम।
सही दिन और समय: माणिक्य को रविवार के दिन सूर्योदय के समय धारण करना शुभ माना जाता है। इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
शुद्धि और पूजा: रत्न को पहनने से पहले गाय के दूध, गंगा जल या शुद्ध पानी से धोकर पूजा करें। इसके साथ सूर्य देव की आराधना करें।
पारदर्शी: माणिक्य गुलाबी रंग का पारदर्शी होना चाहिए। इसके साथ पीला पुखराज पहनना शुभ होता है।
धातु का चयन: माणिक्य को सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाना सबसे अच्छा माना जाता है। इसको अनामिका अंगुली में धारण करना उत्तम माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार माणिक्य का संबंध अग्नि तत्व से है। यह घर या कार्यस्थल में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है। इसे घर की दक्षिण दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही माणिक्य को धारण करने से वास्तु दोषों के निवारण में भी सहायता मिलती है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: माणिक्य आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है।
मानसिक शक्ति: यह मानसिक तनाव को कम करके एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
सकारात्मक ऊर्जा: माणिक्य नकारात्मकता को दूर करता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
व्यवसाय और करियर में सफलता: सूर्य का मजबूत प्रभाव व्यक्ति के व्यवसाय और करियर में उन्नति प्रदान करता है।
स्वास्थ्य में सुधार: माणिक्य हृदय, आंखों और रक्त से जुड़ी समस्याओं में सुधार करने में सहायक माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार माणिक्य एक बहुमूल्य रत्न है। साथ ही यह धारण करने वाले की शक्ति का स्रोत भी होता है। इस लिए इसको पहनते समय सही नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। अगर आपकी कुंडली के अनुकूल है। तो यह आपके जीवन में सुख, शांति और सफलता लेकर आ सकता है।
Published on:
25 Jan 2025 03:04 pm
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