scriptपौष की मासिक शिवरात्रि पर अपनी राशि के अनुसार करें शिव पूजा, मिलेगा विशेष आशीर्वाद | monthly Shivratri of Paush 2022 date and worship according to zodiacs | Patrika News

पौष की मासिक शिवरात्रि पर अपनी राशि के अनुसार करें शिव पूजा, मिलेगा विशेष आशीर्वाद

Published: Dec 11, 2022 04:18:26 pm

– पौष की मासिक शिवरात्रि के राशिनुसार दान और कौन से मंत्र का करें जाप।

masik_shivratri_of_paush_month_1.jpg

हिंदू पंचांग में हर माह के की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि माना जाता है। यह दिन भगवान भोलेनाथ यानि स्वयं शिव की पूजा का अत्यंत विशेष दिन माना जाता है। ऐसे में साल 2022 के पौष मास की मासिक शिवरात्रि बुधवार, 21 दिसंबर 2022 को आने वाली है।

ज्ञात हो कि हिंदू पंचांग के दसवें माह यानि पौष मास को भगवान विष्णु व सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष माना गया है, जो इस बार 09 दिसंबर 2022 से शुरु होकर 07 जनवरी 2023 तक रहेगा। वहीं पौष मास के शिवरात्रि पर्व के संबंध में पंडित एके शुक्ला का कहना है कि पौष मासिक शिवरात्रि सन 2022 में बुधवार, 21 दिसंबर को मनाई जाएगी, भगवान श्री गणेश के दिन यानि बुधवार को भी मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है।

पंडित शुक्ला के अनुसार इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।

मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन शिवपूजन शिवपुराण,रुद्राभिषेक,शिव कथा, शिव स्तोत्रों व “नम: शिवाय, ॐ नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती हैं, वहीं शिवरात्रि का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने मानी जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, औश्रइस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है।

शिवरात्रि का व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन अविवाहित महिलाएं भगवान शिव से मनचाहे पति के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं विवाहित महिलाएं इस दिन भगवान शिव से अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं। मासिक शिवरात्रि के व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन भगवान शिव शंकर का ध्यान करना चाहिए। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है।

यदि समय की कमी के चलते यानि अति व्यस्त्ताओं के चलते या किसी अन्य कारण से किसी जातक के लिए शिव मंदिर में पूजन,जाप करना संभव न हों, तो वह घर में ही किसी शांत स्थान पर जाकर पूजन, जाप कर सकता हैं। माना जाता है कि शिव की अराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।

राशि अनुसार शिव पूजा :-
माना जाता है कि राशि अनुसार शिवरात्रि, प्रतिदिन या प्रत्येक सोमवार को शिव की पूजा करने से समस्त शिव भक्तों को उत्तम लाभ और संतोष की प्राप्ति होगी ।

मेष राशि
– मेष राशि वालों को भगवान भोलेनाथ का जल में गुड़, गन्ने का रस या शहद मिलाकर का अभिषेक करना चाहिए, साथ ही अभिषेक के बाद लाल चंदन से शिवलिंग पर तिलक करें और लाल चंदन से जितना हो सके उतना बेलपत्र पर ॐ नमः शिवाय लिख कर बेलपत्र शिव को अर्पित करें, इसके अलावा लाल पुष्प भी चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय का जाप करें साथ ही 11 ब्राह्मणों को शिवपुराण दान दें।

वृषभ राशि
– वृषभ राशि के जातकों को गाय के दूध, दही से शिव का अभिषेक करना चाहिए, इसके अलावा भगवान शिव जी को चावल, सफेद चंदन, सफेद आक,सफेद वस्त्र और चमेली फूल भी अर्पित करने चाहिए और इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अतिरिक्त वेदपाठी 11 ब्राह्मणों को रूद्राक्ष माला दान करनी चाहिए।

मिथुन राशि
– मिथुन राशि के जातकों को भगवान शिव का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करना चाहिए, इसके अलावा भगवान शिव को बेल पत्र शमी पत्र के अलावा साबुत हरे मूंग,भांग, दूर्वा और कुश भी अर्पित करना चाहिए। इस राशि के जातकों को शिव चालीसा का पाठ करने के अलावा 11 शिव चालीसा शिव मंदिर में चढ़ाना चाहिए।

कर्क राशि
– कर्क राशि के जातकों को भगवान शिव शंकर का दूध, दही और देसी घी से अभिषेक करना चाहिए, इसके अतिरिक्त भगवान शिव को सफेद चंदन का तिलक लगाते हुए उन्हें साबुत अक्षत,सफेद गुलाब का फूल और शंखपुष्पी भी चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा इन्हें शिवाष्टक का 11 पाठ करने के अलावा शिव भक्तों को सफेद वस्त्र दान करना चाहिए।

सिंह राशि
– सिंह राशि के जातकों को भगवान शंकर का जल में गुड़, लाल चंदन और शहद डालकर अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा लाल पुष्प, लाल चंदन का तिलक भी भगवान शिव को लगाना चहिए। इस समय गुड़ और चावल से बनी खीर शिव मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटने के अलावा शिव महिमा स्तोत्र का पाठ करें और कमलगट्टे की 11 माला दान करें।

कन्या राशि
– कन्या राशि के जातकों को गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करना चाहिए, इन्हे भोलेनाथ जी को पान बेल पत्र, धतूरा, भांग एवं दुर्वा चढ़ाने के अलावा शिव पुराण की कथा का वाचन करना या सुनना चाहिए।

तुला राशि
– तुला राशि के जातकों को चमेली के तेल, दही, ईत्र, घी, दूध से शिव का अभिषेक करने के अलावा सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इसके अलावा सफेद वस्त्र दान करने सहित मिश्री और खीर का प्रसाद भगवान शिव जी को लगाना चाहिए, साथ ही शिव मंदिर में दान करने के अतिरिक्त शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

वृश्चिक राशि
– वृश्चिक राशि के जातकों को जल में गुड़़, लाल चंदन और शहद मिलाकर और पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए, केसर और लाल पुष्प भगवान शिव को अर्पित करें। भगवान शंकर को लाल हलवे का भोग लगाने के अलावा दान भी करें। साथ ही भगवान शिव के 1000 नामों का स्मरण रहे।

धनु राशि
– धनु राशि के जातकों को दूध में केसर, हल्दी और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। साथ ही भगवान शंकर को केसर, पीले चन्दन का तिलक लगाते हुए उन्हें पीले गेंदे के फूलों की माला भी अर्पित करनी चाहिए। इसके अलावा शिवमंदिर में पीले रंग के वस्त्र दान करने के साथ ही शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए।

मकर राशि
– मकर राशि के जातकों को जल में दूध या गेहूं मिला कर शिव पर अर्पित करना चाहिए, इसके साथ ही तिल का तेल व नीले पुष्प भोले नाथ जी को अर्पित करें, शिव मंदिर में नीले वस्त्र दान करने के अलावा भगवान शिव के 108 नामों का स्मरण करना चाहिए।

कुम्भ राशि
– कुम्भ राशि के जातकों को नारियल के पानी या तिल के तेल से रुद्राभिषेक करना चाहिए, साथ ही इन्हें शमी वृक्ष के पुष्प भगवान शिव को अर्पित करने के अलावा शिवाष्टक का पाठ भी करना चाहिए।

मीन राशि
– मीन राशि के जातकों को केसर मिश्रित जल से भगवान शंकर का जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प से करनी चाहिए। इसके अलावा ॐ नमः शिवाय का जाप करने के अतिरिक्त शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो