
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि पितरों की पूजा भगवान से पहले की जानी चाहिए। कहा जाता है कि जिन लोगों को पितृ दोष होता है उनके जीवन में बहुत सी बाधाएं आती हैं। इसलिए पितरों को प्रसन्न व मुक्ति दिलाने के लिए इस समय श्राद्ध कीए जाते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर पितृ नाराज हो जाएं तो घर के सदस्यों की तरक्की में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं। इसके अलावा यदि पितृदोष कुंडली में है तो भी व्यक्ति को बहुत कठिनाईयां होती हैं।
इसलिए जिन लोगों को पितृदोष होते हैं, उन्हें पितृपक्ष में पितृ शांति की पूजा करवानी चाहिए। इसके अलावा पितृपक्ष/श्राद्धपक्ष में भगवान दत्तात्रेय के मंत्र जप करना चाहिए। इससे मनुष्य को पितृदोष से राहत मिलती है। भगवान दत्तात्रेय का स्मरण मनुष्य को पितृदोषों से दूर तो रखता है साथ ही उनके जीवन में आने वाली समस्याएं भी दूर करता है। पितपक्ष में रोज इन मंत्रों का जप करें। रोज संभव ना हो तो अमावस्या या पूर्णिमा के दिन जरुर ही इनका जप करें। तो आइए जानते हैं दत्तात्रेय के शक्तिशाली मंत्र और दत्तात्रेय स्त्रोत पाठ के बारे में...
करें इन मंत्रों को जप-
1. 'श्री दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा'।
2. 'श्री गुरुदेव दत्त'।
3. 'ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा।'
पितृपक्ष में भगवान दत्तात्रेय के इन मंत्रों का जप करने से आपको बहुत लाभ होगा। पितरों को शांति मिलती है और जीवन में आ रही परेशानियां खत्म होने लगेगी। मंत्रों का जप करने के साथ-साथ दत्तात्रेय स्त्रोत पाठ भी कर सकते हैं।
दत्तात्रेयाय स्त्रोत पाठ-
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥
श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥
भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
वेदशास्त्रपरिज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
पञ्चभूतैकदीप्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
यज्ञप्रियाय सिद्धाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
जितेन्द्रियजितज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
सदोदितपरब्रह्म दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
जयमानसतां देव दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
नानास्वादमयी भिक्षा दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
विदेहदेहरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
सत्याश्रयपरोक्षाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
यज्ञसूत्रधरब्रह्मन् दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
दत्तमुक्तिपरस्तोत्र दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
गुणनिर्गुणरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
सर्वपापं शमं याति दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
दत्तात्रेयप्रसादाच्च नारदेन प्रकीर्तितम् ॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे नारदविरचितं दत्तात्रेयस्तोत्रं सुसम्पूर्णम् ॥
Updated on:
08 Sept 2019 12:13 pm
Published on:
08 Sept 2019 12:10 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
