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श्राद्ध में पितृ शांति के लिए जरूर करें यह काम, पीड़ित पितरों को मिल जाएगा मोक्ष

Pitru Paksha Upay: पितृ पक्ष में श्राद्ध का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस पखवाड़े में पितृ संबंधी काम से पितरों को शांति मिलती है। लेकिन आइये जानते हैं पितरों के मोक्ष के लिए किस काम को नहीं भूलना चाहिए ...

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Pitru Paksha Upay Bhagvat geeta path ka mahatv

पितृ पक्ष में भागवत गीता पाठ का महत्व

क्या है श्राद्ध और तर्पण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितरों के लिए श्रद्धा से किया गया मुक्ति कर्म श्राद्ध कहलाता है और उन्हें तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कही जाती है, जबकि तर्पण करना ही पिंडदान करना है। वैसे तो साल में 96 दिन श्राद्ध के होते हैं, लेकिन पितृ पक्ष विशेष रूप से श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण होता है।


पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है। अगर किसी मृत व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है। इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है।

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पितरों के मोक्ष के लिए जरूर करें यह काम

Pitru Paksha Upay: डॉ. व्यास के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितर संबंधित कार्य करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पक्ष में विधि- विधान से पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शावाद प्राप्त होता है। लेकिन श्राद्ध में श्रीमद्भागवत गीता के सातवें अध्याय का माहात्म्य पढ़कर फिर पूरे अध्याय का पाठ करना चाहिए। इस पाठ का फल आत्मा को समर्पित करना चाहिए। इससे पितरों को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।