19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

द्रौपदी को इसलिए आधी रात में मिला था अखंड सौभाग्यवती का वरदान

द्रौपदी को इसलिए आधी रात में मिला था अखंड सौभाग्यवती का वरदान

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Dec 06, 2019

द्रौपदी को इसलिए आधी रात को मिला था अखंड सौभाग्यवती का वरदान

द्रौपदी को इसलिए आधी रात को मिला था अखंड सौभाग्यवती का वरदान

महाभारत युद्ध के दौरान जब भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर उनके साथ पांडवों की पत्नी द्रौपदी कौरव के शिविर में भीष्म पितामह से मिलने के लिए पहंचे। वहां पहुंचकर श्रीकृष्ण भीष्म पितामह के कक्ष के बाहर ही रूक गए और द्रौपदी ने अकेली ही कक्ष में प्रवेश किया। जानें आधी रात को द्रौपदी को क्यों और कैसे मिला अंखड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलेगा।

कहीं ऐसे तो शयन (सोते) नहीं करते आप, जानें कब कहां और कैसे सोना चाहिए

जब द्रौपदी ने भीष्म पितामह के कक्ष अन्दर जाकर उनको प्रणाम किया तो, गंगा पुत्र ने को द्रौपदी अखंड सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद दे दिया। फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि- पुत्री तुम इतनी रात में अकेली यहां कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहां लेकर आये है। तब द्रोपदी ने कहा, "हां पितामह गोविंद ही मुझे यहां लेकर आएं और वे आपके कक्ष के बाहर ही खड़े हैं। सुनते ही भीष्म पितामह तुरंत कक्ष के बाहर आ गए और फिर दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया।

माँ त्रिपुर भैरवी जंयती 2019

भीष्म पितामह ने कहा, मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम केवल श्रीकृष्ण ही कर सकते हैं। वार्तालाप पूर्ण होने के बाद शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि- तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है। अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होती, तो शायद इस महाभारत युद्ध की नौबत ही न आती।

माँ त्रिपुर सुंदरी जयंती 2019 : पूजा विधि एवं इच्छा पूर्ति मंत्र जप विधान

श्रीकृष्ण आगे कहत हैं कि अगर जो कोई मनुष्य अपने से बड़ों को नित्य प्रणाम करते हैं, उनका आशीर्वाद लेता है, उस मनुष्य के जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं नष्ट हो जाती है। हे सखे, प्रेम की परिभाषा कुछ इस तरह समझी जा सकती है।
प्रणाम प्रेम है। प्रणाम अनुशासन है। प्रणाम शीतलता है। प्रणाम आदर सिखाता है। प्रणाम से सुविचार आते हैं। प्रणाम झुकना सिखाता है। प्रणाम क्रोध मिटाता है। प्रणाम आंसू धो देता है। प्रणाम अहंकार मिटाता है। प्रणाम हमारी संस्कृति है।

*****************