6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आज सूर्यास्त के समय करें शनि देव का तेल से इस विधि से अभिषेक

शनि देव जयंती आज

2 min read
Google source verification

image

Shyam Kishor

May 22, 2020

आज सूर्यास्त के समय करें शनि देव का तेल से इस विधि से अभिषेक

आज सूर्यास्त के समय करें शनि देव का तेल से इस विधि से अभिषेक

आज शुक्रवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि है, इस दिन दो पर्व एक साथ मनाएं जाते हैं। एक दो न्याय के देवता शनि देव की जयंती एवं दूसरी वट सावित्री व्रत पर्व है। शनि जयंती अमावस्या के दिन अगर शनि देव महाराज की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आज के दिन सूर्यास्त के समय शनि देव का तेल से ऐसे करें अभिषेक। प्रसन्न होकर शनि देव करेंगे हर कामना पूरी।

घर बैठें बन सकते हैं धनवान, आज शनि अमावस्या की रात करें यह उपाय

ज्योतिष में शनि दोष के कारण होने वाली परेशानियों से बचने के लिए अनेक उपाय बताएं गए है। अगर कोई इन उपायों को कर लें तो कुछ हद तक राहत मिलती भी है। लेकिन कहा जाता है कि शनि दोष से शीघ्र लाभ के लिए शनि देव का तेल से अभिषेक करने से शनि देव प्रसन्न होकर अपनी शरण में आने वाले भक्तों के जीवन से सारे कष्टों का अंत कर देते हैं। शनि जयंती के दिन सूर्यास्त के समय विधिवत पूजन करने के बाद तेल से ऊँ शं शनैश्चराय नमः का 108 बार उच्चारण करते हुए सरसों या तिल के तेल से अभिषेक करें।

इसलिए किया जाता है तेल से शनि का अभिषेक

ऐसा कहा जाता है कि श्री वाल्मीकि जी ने वाल्मीकि रामायण के अलावा आनंद रामायण की भी रचना की थी और उसी रामायण में एक कथा आती है कि लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर जिस सेतु पुल का निर्माण किया गया था उसकी सुरक्षा का दायित्यव राम जी ने अपने प्रिय भक्त हनुमानजी को सौंपा था। एक दिन हनुमानजी रात में भगवान श्रीराम का ध्यान करते हुए सेतु पुल की रक्षा कर रहे थे कि वहां अचानक शनि देव आ पहुंचे और हनुमान जी को व्यंग्यबाणों से परेशान करने लगे।

श्री हनुमानजी ने शनि देव के सारे आरापों को स्वीकार करते हुए कहा कि कृपया वह वे उन्हें सेतु की रक्षा करने दें, लेकिन शनि देव नहीं माने और हनुमान जी को परेशान करने लगे। शनि देव के नहीं मानने पर क्रोधित होकर हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में जकड़ कर इधर-उधर पटकना शुरू कर दिया। हनुमान जी के द्वारा पटकने से शनि देव को बहुत पीड़ा हुई और पीड़ा से बचने के लिए शनि देव ने अपने शरीर पर तेल का लेप लगाया, जिससे उनकी पीड़ा तुरंत दूर हो गई। तभी से शनि देव को तेल चढ़ाने की परम्परा शुरू हुई। इसलिए शनि जयंती एवं अन्य दिनों में शनि देव का तेल से अभिषेक करने वालों की शनि दोषों से रक्षा होती है।

******************