
Shardiya Navratri 2021 Day 3
Day 3 of Sharadiya Navratri 2021 : हिंदू पंचांग में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष यानि शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। ऐसे में हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार यह तिथि 9 अक्टूबर को पड़ रही है। जिसके चलते इस दिन माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र से सुशोभित देवी मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।
देवी मां यानि मां चंद्रघंटा इस स्वरूप में सिंह पर विरजमान हैं साथ ही इनके 10 हाथ हैं। जिनमें से इनके चार हाथों में कमल फूल, धनुष, जप माला और तीर है, जबकि पांचवां हाथ अभय मुद्रा में रहता है।
इसके अलावा चार अन्य हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार मौजूद होने के साथ ही पांचवा हाथ वरद मुद्रा में है। माता का यह रूप भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी माना गया है।
मां चंद्रघंटा के मंत्र: देवी मां के इस स्वरूप की पूजा मुख्य रूप से दो मंत्रों से की जाती है। माना जाता है कि भक्तों को इनकी पूजा करते समय इनके मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करना चाहिए।
मंत्र: 1-पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मंत्र: 2- या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
देवी मां के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजन विधि
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस दिन माता की बाजोट (चौकी) पर देवी मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्ध करने के पश्चात चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें और पूजन का संकल्प लें।
इसके बाद वैदिक और दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से मां चंद्रघंटा सहित सभी स्थापित देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। जिसके पश्चात प्रसाद बांटें और पूजन संपन्न करें। साथ ही मन ही मन में माता से प्रार्थना करते रहें कि हे मां! आप की कृपा हम पर सदैव बनी रहे और हमारे दुःखों का नाश हो।
मां चंद्रघंटा को ये लगाएं भोग: मान्यता के अनुसार मां चंद्रघंटा को मीठी खीर बेहद प्रिय है। ऐसे में इस दिन मां के इस रूप केा पूजा के समय गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं, माना जाता है कि ऐसा करने से माता अति प्रसन्न होंती हैं। माना जाता है कि यदि इस दिन कन्याओं को खीर, हलवा या स्वादिष्ट मिठाई खिलाई जाए तो भी मां प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हुए अपने भक्त को हर बाधा से मुक्त करती हैं।
Published on:
08 Oct 2021 05:19 pm
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