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नवरात्रि में मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान, माता रानी का करें 16 श्रृंगार

नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है ताकि माता रानी की विशेष कृपा मिल सके।

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नवरात्र‍ि रविवार ( 29 सितंबर ) से शुरू हो रही है। इसके लिए लगभग सभी तरह की तैयारियां भी कर ली गई है। नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है ताकि माता रानी की विशेष कृपा मिल सके। नवरात्रि में माता रानी को 16 श्रृंगार किया जाता है। आइये जानते हैं कि 16 श्रृंगार का क्या महत्व है और 16 श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार के सामान आते हैं।


माता रानी के 16 श्रृंगार के सामान

लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, चोटी, मंगल सूत्र या गले के लिए माला, पायल, नेलपॉलिश, लाली, कान की बाली और चोटी में लगाने के लिए रिबन।


ऐसे करें माता रानी का श्रृंगार

देवी दुर्गा को स्थापित करने के लिए एक चौकी लाएं और उस लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद उस पर माता रानी की तस्वीर या मूर्ति रख दें। इसके बाद मां को टीका लगाएं और श्रृंगार का सभी सामान अर्पित कर दें।


16 श्रृंगार का महत्व

मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में जो भी माता रानी को 16 श्रृंगार चढ़ाता है, उसके घर में सुख समृद्धि आती है और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। ध्यान रहे कि जो भी महिला माता रानी को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करे, उसे खुद भी 16 श्रृंगार करना चाहिए। ऐसा करने से मां जल्द प्रसन्न हो जाती है और अखंड सौभाग्य का वरदान देती है।