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Ram Naam Satya Hai: शव को श्मशान ले जाते वक्त क्यों कहते हैं राम नाम सत्य है, जानिए इसका महत्व

Ram Naam Satya Hai: 'राम नाम सत्य है' यह केवल एक धार्मिक वाक्य नहीं है। इसमें जीवन का सार छुपा होता है, जो समस्त संसार के प्राणियों को जन्म और मृत्यु के सत्य को स्वीकार करने की प्रेरणा देता है।

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जयपुर

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Sachin Kumar

Dec 20, 2024

Ram Naam Satya Hai

Ram Naam Satya Hai

Ram Naam Satya Hai: सनातन धर्म से जुड़ी हुई कई ऐसी परंपराएं हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं। इन सभी परंपराओं के पीछे कुछ न कुछ रहस्य भी जुड़े हुए हैं। जैसा कि हिंदू धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद दाह संस्कार का विधान है। इसलिए मृतक की शव यात्रा निकाली जाती है और उसे श्मशान ले जाया जाता है।

इस शव यात्रा में अर्थी के पीछे कई लोग चलते हैं और 'राम नाम सत्य है' कहते हैं। यह सिललिसा श्मशान तक पहुंचने तक चलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अर्थी के पीछे चलने वाले लोग ऐसा क्यों कहते हैं? इसके पीछे क्या वजह है? आइए जानते हैं इसका रहस्य।

मृत्यु की वास्तविकता का बोध

राम नाम सत्य के बोलने के ऐसे तो कई कारण हो सकते हैं। लेकिन जब दाह संस्कार के लिए मृत शरीर को श्मशान लेकर जाते हैं तो इसके पीछे यह माना जाता है कि संसार नश्वर है। केवल राम नाम ही सत्य है। क्योंकि मनुष्य जब संसार से जाता है तो वह अपने साथ कुछ लेकर नहीं जाता। उसकी हर चीज यहीं रह जाती है।

इसके साथ यह हमें यह याद दिलाता है कि जीवन अस्थायी है और मृत्यु अटल है। इस वाक्य के माध्यम से व्यक्ति को सांसारिक मोह और भौतिक सुखों से ऊपर उठने की प्रेरणा मिलती है।

आत्मा की शांति के लिए

शव यात्रा में राम नाम का उच्चारण मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि भगावन राम का नाम जपने से आत्मा मोक्षधाम जाती है और साथ ही विषय विकारों से मुक्ति मिलती है। क्योंकि राम का नाम लेने से आत्मा ईश्वर के चरणों में विलीन हो जाती है।

जीवन जन्म-मरण का चक्र

हिंदू धर्म में जन्म और मृत्यु को एक सांसारिक चक्र के रूप में देखा जाता है। शव यात्रा के दौरान राम नाम सत्य है कहना हमें याद दिलाता है कि जीवन एक यात्रा है। जिसका अंत मृत्यु है, जो कि सर्वत्र सत्य है। राम नाम सत्य कहना हमें अहंकार और सांसारिक बंधनों से मुक्त होने का संदेश देता है।

राम के नाम से मिलती है सांत्वना

मान्यता है कि भगवान राम का नाम सामूहिक रूप में जपने से मृतक के परिवार को सांत्वना मिलती है। यह एक सांस्कृतिक परंपरा है जो लोगों को किसी के दुख-दर्द में एकजुट करती है और मृत्यु के समय सामाजिक सहानुभूति को दर्शाती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 'राम नाम सत्य है' एक ऐसा वाक्य है। जिसके जपने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही वह मृत्यु के बाद परम पद को प्राप्त होते हैं। राम का नाम मृत्यु की वास्तविकता और जीवन की नश्वरता को दर्शाता है। शव को श्मशान ले जाते समय यह वाक्य कहने के पीछे कई आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।

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