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Som Pradosh Vrat Mantra: सोम प्रदोष पर पढ़ें ये शक्तिशाली शिव मंत्र, कटेंगे सारे कष्ट

आज तीन अप्रैल 2023 को चैत्र शुक्ल त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat Mantra) है, जो सोमवार को पड़ रहा है। यानी यह सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन सुबह शाम भगवान शिव की पूजा की जाती है, और व्रत रखा जाता है। इससे सभी कष्ट दूर होते हैं और पितृदोष का भी निवारण होता है। इस दिन जानिए सोम प्रदोष व्रत के समय भगवान की पूजा में कौन से मंत्र का जाप (Shiv Mantra ) करना चाहिए, ये हैं शक्तिशाली सोम प्रदोष मंत्र।

Apr 03, 2023 / 02:52 pm

Pravin Pandey

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Shiv Mantra On Som Pradosh And Significance

सोम प्रदोष पूजा में इन मंत्रों का जाप करना चाहिए (Som Pradosh Vrat Mantra)


1. महामृत्युंजय मंत्रः सोम प्रदोष व्रत की पूजा में महामृत्युंजय मंत्र को बहुत प्रभावी माना जाता है। इस पूजा में मंत्र को रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार जपना चाहिए। यह प्राणरक्षक और महामोक्ष मंत्र भी माना जाता है। इसे कुश आसन पर बैठकर जपना चाहिए।
एक कथा के अनुसार जब दक्ष ने चंद्रमा को क्षय रोग होने का श्राप दिया था तो उनके क्षीण होने से मचे हाहाकार को रोकने के लिए देवताओं ने ब्रह्माजी से सहायता मांगी तो उन्होंने चंद्रमा को प्रभास क्षेत्र में जाकर विधिविधान से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की सलाह दी।
इसके फलस्वरूप भगवान शिव प्रसन्न हुए और चंद्रमा को क्षयमुक्त किया और कहा कि एक पक्ष में तुम्हारी कला घटेगी और दूसरे पक्ष में बढ़ने का आशीर्वाद दिया और वे फिर से लोक सम्मान योग्य हो गए।

ॐ ह्रौं जूं सः भूर्भुवः स्वः, ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌। उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌, ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।


2. शिव गायत्री मंत्रः यह भी भघवान शिव का प्रभावी मंत्र है, इसे प्रदोष व्रत के साथ नियमित पूजा में भी जप सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प योग, राहु केतु और शनि पीड़ा दे रहा है, उन लोगों को इस मंत्र को जपना चाहिए। इससे उन्हें राहत मिलेगी।

ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।


3. क्षमायाचना मंत्रः महादेव की पूजा के बाद क्षमा याचना मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए, इससे पूजा में हुई गलतियों का दोष नहीं लगता। साथ ही भोलेनाथ का आशीर्वाद भी मिलता है।

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो।।


4. पंचाक्षरी मंत्रः यह सबसे लोकप्रिय शिव मंत्र है। यह भगवान शिव के पंच तत्व बोध, उनकी पांच तत्वों पर सार्वभौमिक एकता को दर्शाता है। इसमें मानसिक बीमारियों को दूर रखने का चिकित्सीय गुण है।

5. ऊँ आशुतोषाय नमः
6. ऊँ सों सोमाय नमः
7. ऊँ नमो धनदाय स्वाहा
8. ऊँ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ऊँ


9. ऊँ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊँ
10. ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः
11. ऊँ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः
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