27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्राद्ध पक्ष आज से, 16 के बजाए 15 दिन के होंगे, इस एक उपाय से संवर जाएगी जिंदगी

पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध भाद्रपद शुक्ल की पूर्णिमा पर मंगलवार से शुरू होंगे

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Sep 05, 2017

Pitra Patch 2017, Pitra Patch, Pitru Paksha, Pitri Paksha, Pitri Paksha 2017, Pitri Paksha Shubh Muhurat, Pitra Patch Date, Pitra Patch Kab Se Start Hai, Shraddh 2017, Shraddh 2017 Date, Shraddh Kab se Start Hai, Shraddh Hindi News, Pitra Paksh News, Pitra Puja

Pitra Patch 2017, Pitra Patch, Pitru Paksha, Pitri Paksha, Pitri Paksha 2017, Pitri Paksha Shubh Muhurat, Pitra Patch Date, Pitra Patch Kab Se Start Hai, Shraddh 2017, Shraddh 2017 Date, Shraddh Kab se Start Hai, Shraddh Hindi News, Pitra Paksh News, Pitra Puja

पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध भाद्रपद शुक्ल की पूर्णिमा पर मंगलवार से शुरू होंगे, जो अश्विन कृष्ण अमावस्या पर १९ सितम्बर तक चलेंगे। इस बार एक तिथि का लोप होने के कारण श्राद्धपक्ष १६ के बजाए १५ दिन के होंगे।

पूर्णिमा का पहला श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में मंगलवार को निकाला जाएगा। पंचमी तिथि का लोप होगा, जबकि द्वादशी व त्रयोदशी का श्राद्ध एक ही दिन १७ सितम्बर को निकाला जाएगा। इस दिन द्वादशी तिथि दोपहर २.४३ बजे तक रहेगी। फिर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी, जो कि अगले दिन दोपहर १.०८ बजे तक रहेगी। अपरान्ह काल में त्रयोदशी तिथि १७ को ही रहेगी। इस कारण द्वादशी व त्रयोदशी का श्राद्ध १७ को ही निकाला जाएगा। वहीं, गया तीर्थ के श्राद्ध का फल देने वाला भरणी का श्राद्ध १० को निकाला जाएगा।

अपरान्ह काल दोपहर १.४० से ४ बजे तक
पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध अपरान्ह काल में निकाल जाते हैं। इस बार पार्वण श्राद्ध में अपरान्ह काल दोपहर १.४० से ४ बजे तक रहेगा। अनंत चतुर्दशी में ही पूर्णिमा का अपरान्ह काल चतुर्दशी में ही रहेगा। इस कारण बुधवार से पितृपक्ष प्रारम्भ होगा। तिथिमान के हिसाब से पंचमी तिथि क्षय रहेगी।

किस तारीख को कौनसा श्राद्ध...
तारीख - श्राद्ध
५ सितम्बर - पूर्णिमा
६ सितम्बर - प्रतिपदा
७ सितम्बर - द्वितीया
८ सितम्बर - तृतीया
९ सितम्बर - चतुर्थी
१० सितम्बर - भरणी का श्राद्ध, पंचमी
११ सितम्बर - कृतिका व छठ
१२ सितम्बर - सप्तमी
१३ सितम्बर - अष्टमी
१४ सितम्बर - नवमी व सौभाग्यवतीनाम
१५ सितम्बर - दशमी
१६ सितम्बर - एकादशी
१७ सितम्बर - द्वादशी, त्रयोदशी
१८ सितम्बर - चतुर्दशी व मघा
१९ सितम्बर - सर्वपितृय अमावस्या
२० सितम्बर - मातामह या नाना

ऐसे निकालें श्राद्ध...
श्राद्ध तिथि पर अपरान्ह काल में पितरों के निमित्त तर्पण कर गीता पाठ सुनाएं। गाय, कुत्ता, कौआ, ब्राह्मण व चींटी के निमित्त पंचबलिक निकालें। हाथ में जल, तिल व जौ लेकर दक्षिणाभिमुख होकर पितृ का नाम लेकर पंचबलि का संकल्प अर्पित करें।

ये भी पढ़ें

image