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चैत्र नवरात्र 22 मार्च से, होगी देवी के नौ स्वरूपों की पूजा

- घर-घर की जाएगी घट स्थापना   Chaitra Navratri news: धौलपुर. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार साल भर में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र है और दो गुप्त नवरात्र शामिल हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्र का त्योहार शूरू हो जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।

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Chaitra Navratri from March 22, nine forms of Goddess will be worshiped

चैत्र नवरात्र 22 मार्च से, होगी देवी के नौ स्वरूपों की पूजा

चैत्र नवरात्र 22 मार्च से, होगी देवी के नौ स्वरूपों की पूजा


- घर-घर की जाएगी घट स्थापना

Chaitra Navratri news: धौलपुर. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार साल भर में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र है और दो गुप्त नवरात्र शामिल हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्र का त्योहार शूरू हो जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्र का त्योहार 22 मार्च से शुरू होगा और इसका समापन 30 मार्च को होगा। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्र में माता का पाठ करने से देवी भगवती की खास कृपा होती है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है।

चैत्र नवरात्र शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र बुधवार, 22 मार्च 2023 से

चैत्र नवरात्र घटस्थापना का मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक (अवधि 01 घंटा 09 मिनट)

कलश की स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें। मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इसपर कलावा बांधें। कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आव्हान करें। इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्र में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है।

मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूप की पूजा

- 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)

- 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा

- 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा

- 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा

- 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा

- 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा

- 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा

- 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी

- 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां सिद्धिदात्री