चंबल के जल स्तर के 130.50 गेज तक आने पर सरमथुरा क्षेत्र के झिरी के पनावती, हल्लु का पुरा, रूंध का पुरा, दुर्गसी, शंकरपुर, भगवत का पुरा, खिल्लाडांडा के सम्पर्क टूटने और आमजन प्रभावित होने की आशंका है।
राजस्थान में कोटा बैराज से छोड़े गए डेढ़ लाख क्यूसेक पानी के बाद चम्बल नदी के तेजी से बढ़ रहे जलस्तर और सरमथुरा में पार्वती बांध के भराव क्षेत्र में भारी बारिश होने के बाद धौलपुर जिले में प्रशासन सतर्क हो गया है।
जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि चंबल खतरे के निशान के करीब जा पहुंची है।
आज इसके खतरे के निशान 130.79 मीटर के मुकाबले 130 मीटर तक पहुंचने की संभावना बताई गई है। चंबल के जल स्तर के 130.50 गेज तक आने पर सरमथुरा क्षेत्र के झिरी के पनावती, हल्लु का पुरा, रूंध का पुरा, दुर्गसी, शंकरपुर, भगवत का पुरा, खिल्लाडांडा के सम्पर्क टूटने और आमजन प्रभावित होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने चेतावनी जारी करके लोगों को नदी के बहाव से दूर रहने की सलाह दी है।
सूत्रों ने बताया कि सरमथुरा में पार्वती बांध के भराव क्षेत्र में भारी बारिश के चलते पार्वती बांध का जल स्तर अपनी भराव क्षमता 223 मीटर के मुकाबले 222.70 मीटर तक पहुंच गया है। बांध के लबालब होने से पहले ही सहायक नदियां पार्वती एवं शेरनी उफान पर हैं। पानी की आवक को देखते हुए सिंचाई विभाग ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की है।
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वहीं दूसरी तरफ सवाईमाधोपुर जिले के बनास नदी में पानी की आवक बढ़ने से मंगलवार को चौथ का बरवाड़ा से वाया शिवाड़ होकर जयपुर जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चौथ का बरवाड़ा से वाया शिवाड़ मार्ग पर डिडायच और ऐचेर गांव की रपट पर मंगलवार सुबह एक से डेढ़ फीट पानी आ गया है। इसके चलते इस मार्ग पर यातायात रोक दिया गया है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।