धौलपुर

डॉक्टर्स डे: मुश्किल परिस्थितियों का मुकाबला कर मरीजों को दे रहे बेहतर चिकित्सा सेवा

सपना देखना...और उसे पूरा करने की ललक ही कामयाबी का आधार माना गया है। जिसे हासिल कर इंसान अपनी एक अलग पहचान बनाता है। शहर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.विजय सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने हर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर कामयाबी की इबारत लिखते हर वर्ग के मरीजों तक चिकित्सा सेवा को पहुंचाया।

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- उदयपुर मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस, आज जिला अस्पताल के पीएमओ

धौलपुर. सपना देखना...और उसे पूरा करने की ललक ही कामयाबी का आधार माना गया है। जिसे हासिल कर इंसान अपनी एक अलग पहचान बनाता है। शहर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.विजय सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने हर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर कामयाबी की इबारत लिखते हर वर्ग के मरीजों तक चिकित्सा सेवा को पहुंचाया।

उदयपुर के रविन्द्रनाथ मेडिकल कॉलेज से शिशु रोग विज्ञान में स्नातकोत्तर कर चिकित्सा क्षेत्र में कदम रखने वाले डॉ.विजय सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बेहतर कार्यशैली, ईमानदारी और कुछ नया करने का ही जज्बा ही उन्हें सबसे अलग बनाता है। शिशु रोग विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद ग्रामीण पीएससी चिकित्साधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं प्रारंभ कीं। इसके बाद 10 साल तक धौलपुर जेल के चिकित्साधिकारी के रूप में कार्य किया। जिला चिकित्सालय में शिशु रोग विभागाध्यक्ष और एमसीएच प्रभारी के रूप में अपनी सेवाएं देते हुए आज प्रमुख चिकित्साधिकारी मेडिकल अधीक्षक मेडिकल कॉलेज में संलग्न अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

नवाचारों ने बदली चिकित्सा सेवाओं की तस्वीर

पीएमओ बनने के बाद इन्होंने मरीजों और जिलावासियों के हित में कई नवाचार किए। जिनमें जिला चिकित्सालय में कुपोषण वार्ड स्थापित करना हो या जनाना में नवजात बच्चों के लिए आईसीयू। बेहतर कार्यप्रणाली के चलते 10 सालों तक जनाना का शिशु आईसीयू राज्य में टॉप पर रहा। जिसको लेकर चिकित्सालय को पुरस्कार भी दिए गए। इसके अलावा सांयकालीन नर्सिंग अधीक्षक, रात्रिकालीन सुपर वाइजर की तैनाती करना रहा। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में मरीजों की बेहतरी के लिए 24 घंटे एक्सरे और ईसीजी की सेवाएंए एमसीएच में पैथलॉजी लैब की सुविधाएं जीएच में सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक की सुविधाए पुराने चिकित्सालय में ब्लड बैंक होने के बावजूद नवीन अस्पताल में ब्लड बैंक काउंटर प्रारंभ कराना। शहर में जलभराव न हो इसको लेकर छीतरियाताल के पानी को अस्पताल के गार्डन में यूज करने जैसे कई बेहतर कदम उठाए। जिससे आज हर वर्ग के मरीजों को बेहतर चिकित्सा के साथ लाभ प्राप्त हो रहा है।

नवीन इमारत में आने के बाद हर तरफ था काम

जिला अस्पताल बीते साल शहर से निकल कर बाड़ी रोड स्थित करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुई नई इमारत में पहुंचा। इमारत काफी बड़ी होने से शुरुआत में काफी समस्या रही। नए सिरे से हर व्यवस्था की गई और विभिन्न शाखाओं को स्थान मुहैया करवाया गया। पीएमओ डॉ.सिंह ने बताया कि इमारत की सफाई कार्य ही बड़ा मुश्किल था, जिस पर इसमें सुधार किया गया। साथ ही पार्क, कैंटीन और मरीजों के बैठक के लिए स्थान बनाना पर ध्यान दिया। बगल में मेडिकल कॉलेज होने से आने वाले दिनों में अस्पताल को और लाभ मिलेगा।

Updated on:
01 Jul 2025 07:07 pm
Published on:
01 Jul 2025 07:06 pm
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