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पहले गुरुजी और फिर विद्यार्थियों की ऐप पर होगी उपस्थिति दर्ज, विरोध में उतरे शिक्षक संगठन

- नई व्यवस्था गांधी जयंती से होगी शुरू - कक्षाध्यापक को शाला दर्पण मोबाइल ऐप करना होगा डाउनलोड - जिले में 1120 विद्धौलपुर. प्रदेश में शिक्षा का ढांचा सुधारने के लिए गांधी जयंती से नई पहल शुरू की जा रही है। अब सरकारी विद्यालयों में अध्ययरत विद्यार्थियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज होगी। ये हाजिरी ऐप के जरिए की जाएगी। खास बात ये है कि सबसे पहले विद्यालय के गुरुजी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।यालयों में करीब 2 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत

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First the presence of Guruji and then the students will be recorded on the app, teachers organizations came out in protest

धौलपुर. प्रदेश में शिक्षा का ढांचा सुधारने के लिए गांधी जयंती से नई पहल शुरू की जा रही है। अब सरकारी विद्यालयों में अध्ययरत विद्यार्थियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज होगी। ये हाजिरी ऐप के जरिए की जाएगी। खास बात ये है कि सबसे पहले विद्यालय के गुरुजी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसके बाद विद्यालय में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज होगी। नई व्यवस्था को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश जारी कर दिए हैं। इससे प्रतिदिन शिक्षा विभाग को जिले में किस ब्लॉक कितने बच्चे या उक्त विद्यालय में कितने बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, इसकी जानकारी हो सकेगी। साथ ही अनुपस्थित रहे बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें विद्यालय भेजने के प्रयास किए जाएंगे। उधर, नई व्यवस्था का शिक्षक संघ के कई संगठन विरोध जता रहे हैं और ऐप से हाजिरी नहीं करने की बात कही है।

शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने इस ऐप के संबंध में निर्देश शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। जिसको लेकर सरकारी स्कूल के प्रत्येक शिक्षक को अपने मोबाइल में शाला दर्पण मोबाइल ऐप को डाउनलोड करना होगा। इससे विद्यार्थियों का रियल टाइम डाटा पूर्व में चल रहे शाला दर्पण पोर्टल के उपस्थिति माड्यूल से लिंक हो जाएगा। प्रथम चरण में मोबाइल ऐप से लॉगिन की सुविधा कक्षाध्यापकों को होगी। उसके बाद छात्रों की होगी। यह डाटा विभाग की ऐप में सिंक हो जाएगा। जिसके बाद निदेशालय यह मालूम हो सकेगा कि स्कूलों में उस दिन कितने विद्यार्थी उपस्थित और कितने अनुपस्थित रहे है। प्रधानाचार्य व हैड मास्टर को इस उपस्थिति को हर रोज समबिट करना होगा।

नई व्यवस्था के लिए स्कूलों को दिए दिशा-निर्देश

जिला शिक्षा अधिकारी महेश कुमार मंगल ने बताया कि दो अक्टूबर से जिले के 1120 विद्यालयों के प्रधानाचार्य को शाला दर्पण ऐप के बारे में सूचना दे दी है। जिसको लेकर सभी के साथ प्रतिदिन बैठक भी की जा रही है। जिसके माध्यम से सभी स्कूलों में पहले अध्यापक उपस्थित लगाएगा। उसके बाद कक्षा के छात्र-छात्राएं अपनी हाजिरी लगाएंगे। जिसके बाद डाटा को अपलोड किया जाएगा। इसको लेकर लगातार सभी के साथ बैठक की जा रही है।

स्कूलों में 2 लाख बच्चे अध्ययनरत

जिले के धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी, राजाखेड़ा, सैंपऊ व सरमथुरा ब्लॉक में एक से 12वीं तक की कक्षाओं में करीब 1 लाख 93 हजार 959 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसमें धौलपुर ब्लॉक 46 हजार 137, बाड़ी में 41 हजार 459, बसेड़ी 23 हजार 316, राजाखेड़ा में 28 हजार 327, सैंपऊ में 34 हजार 184 व सरमथुरा में 20 हजार 36 विद्यार्थी हैं। अब इन विद्यार्थियों की हाजिरी ऑन लाइन होगी, जिससे मालूम हो सकेगा कि कितने बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं।

आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

शिक्षा विभाग अधिकारियों के अनुसार निदेशालय से जारी निर्देश को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दे दिए हैं। कहा है कि सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में आवश्यक रूप से ऐप डाउनलोड करवा दें। जिससे 2 अक्टूबर से उनकी उपस्थिति इसी माध्यम से दर्ज हो। ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।

शाला दर्पण शिक्षक ऐप का जताया विरोध

बाड़ी. इधर, शिक्षक संगठन इस ऐप का विरोध कर रहे हैं। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मनोज मीना ने बताया कि शिक्षा विभाग में 5 सितम्बर 2023 को शालादर्पन शिक्षक ऐप लॉन्च कर 2 अक्टूबर से शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की उपस्थिति एप के माध्यम से रोजाना फीड करने का आदेश दिया है। वहीं, दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शिविरा मे दो बिंदुओं का आदेश जारी कर स्कूलों में मोबाइल पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी। इसी संदर्भ में प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी शिक्षकों के पास एप लोड करने के लिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन नहीं है और रोक के चलते शिक्षक स्कूल मोबाइल लेकर नही जा रहे हैं। दूर दराज के विद्यालयों में नेटवर्क की भी समस्या आती है। मीना ने बताया कि न्यायालय में लंबित प्रकरण, नव क्रमोन्नत स्कूलों में पद आवंटन की लंबी प्रक्रिया के कारण स्कूलों में डीपीसी व सीधी भर्ती के पद रिक्त होने पर भी शिक्षक वर्ग सीमित संसाधन से स्कूल संचालित कर रहे हैं। संगठन ऐसी परिस्थिति में विद्यार्थियों तथा स्वयं की उपस्थिति एप के माध्यम से करवाने को संस्था प्रधान और शिक्षकों पर अविश्वास की परिधि में मानता है। इसको लेकर राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि भूषण शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश महामंत्री महेंद्र पांडे ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा है।

- जिले में दो अक्टूबर से सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। वर्तमान में कक्षा के हिसाब से बच्चों की संख्या से उपस्थिति दर्ज की जाती थी। लेकिन अब प्रत्येक बच्चे की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी। बच्चों की उपस्थिति दर्ज कराने की जिम्मेदारी कक्षा अध्यापक की रहेगी।

- महेश कुमार मंगल, डीईओ धौलपुर