धौलपुर के सरमथुरा कस्बा के लंकाडडा स्थित बस्ती में 40 वर्षो से सरकारी भूमि पर काबिज एसटी, एससी वर्ग के लोगों को प्रशासन द्वारा बेदखल करने का अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। शनिवार को एससी, एसटी वर्ग के सैकड़ों लोगों ने बसेड़ी विधायक संजय कुमार जाटव से मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाते हुए प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया।
लोगों ने विधायक को बताया कि कस्बा के लंकाडड़ा पर करीब 40 बर्षों से पक्के रिहायशी मकान बनाकर निवासरत हैं। गुरुवार को प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण बताकर लोगों को बेदखल करना शुरू कर दिया है। जबकि अतिक्रमण हटाने से पूर्व प्रशासन द्वारा कोई नोटिस नही दिया गया है। लोगों ने विधायक से प्रशासन की तालिबानी कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई है।
विधायक ने प्रशासन की तालिबानी कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि सरमथुरा में प्रशासन द्वारा सिर्फ एससी, एसटी वर्ग के लोगों को चिन्हित कर शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरमथुरा में 48 खसरों में करीब 140 हेक्टेयर वनभूमि पर आबादी बसी हुई हैं। वही तहसील, उपखंड कार्यालय जैसी सरकारी संस्थाओं के भवन वनभूमि पर बने हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ गरीब, असहाय एवं भूमिहीन लोगों को बेदखल करने पर तुले हैं।
विधायक ने कहा कि प्रशासन को पहले वनभूमि पर स्थित सरकारी कार्यालयों को तोड़ने से शुरुआत करनी चाहिए। विधायक ने लंकाड़ाड़ा में एससी, एसटी वर्ग के लोगों के खिलाफ प्रशासन की तालिबानी कार्रवाई का विरोध करते हुए जिला कलक्टर से कार्रवाई को रोकने की मांग की। लोगों ने प्रशासन द्वारा कार्रवाई नही रोकने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
कस्बा के बाड़ी रोड़ पर पटवार हल्का मुगलपुरा अन्तर्गत खसरा नंबर 579 में करोड़ों की कीमत की वनभूमि पर गैंगसा मशीन संचालित है। परन्तु राजस्व विभाग द्वारा वनभूमि को चिन्हीकरण में ही रोड़ा अटका दिया गया है। हालांकि वनभूमि पर गैंगसा मशीन संचालित होने की शिकायत मुय सचिव व मुयमंत्री तक से की जा चुकी हैं। वनविभाग द्वारा पूर्व में गैंगसा मशीन की चारदीवारी को खुर्दबुर्द व गैंगसा मशीन को सीज कर कार्रवाई को अंजाम दे चुका है।
सरमथुरा में शहरी क्षेत्र की जद में आया जंगल खूब बिक रहा है। भू-माफिया वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर अवैध कॉलोनियां बसा रहे हैं। कस्बा में सैकड़ों बीघा वन विभाग की जमीन पर माफिया का अवैध कब्जा है। जो गरीब, असहाय व भूमिहीन लोगों की खोजबीन कर बेवकूफ बना वनभूमि की खरीद फरोत कर रहे है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि भू-माफिया इन लोगों से रकम लेने के बाद जमीन के बदले कोई कागजात नही देते हैं। जिसकी गरीब लोग सजा भुगत रहे हैं।
Updated on:
15 Jun 2025 03:22 pm
Published on:
15 Jun 2025 02:40 pm