धौलपुर

खोल दिए सैकड़ों विद्यालय, नामांकन के नाम पर 2 तो कहीं 5 बच्चे

केन्द्र के साथ राज्य सरकार शिक्षा में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत है। लेकिन इसके बाद भी शिक्षा व्यवस्था का ढांचा सुधर नहीं पा रहा है। एक तरफ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का रोना है तो दूसरी तरफ धौलपुर जिले समेत प्रदेशभर में ऐसे कई प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जहां पर नामांकन मात्र 2 से 8 विद्यार्थी का है।

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- विद्यार्थियों को फोन कर पढ़ाई को बुलाते हैं शिक्षक, गांवों से शहर पहुंचे बच्चे

- मर्ज नहीं होने से आसपास के राजकीय स्कूलों में भी स्थिति खराब

धौलपुर. केन्द्र के साथ राज्य सरकार शिक्षा में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत है। लेकिन इसके बाद भी शिक्षा व्यवस्था का ढांचा सुधर नहीं पा रहा है। एक तरफ विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का रोना है तो दूसरी तरफ धौलपुर जिले समेत प्रदेशभर में ऐसे कई प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जहां पर नामांकन मात्र 2 से 8 विद्यार्थी का है। विभाग के आला अधिकारियों को मालूम होने के बाद भी इन विद्यालयों का मर्ज नहीं किया जा रहा है। वसुंधरा सरकार में कई विद्यालयों को नजदीकी एक से दो किलोमीटर दायरे में इन विद्यालयों को मर्ज कर दिया था। लेकिन पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में जगह-जगह स्कूल खुल गए। असर ये हुआ कि बेहतर संचालित स्कूलों की स्थिति बिगड़ गई। शिक्षकों को इन स्कूलों में भेज दिया। इस ढर्रें में अब भी सुधार नहीं हुआ है। इन विद्यालयों में न्यूनतम 2 शिक्षकों का स्टाफ है लेकिन विद्यार्थी नहीं होने से यहां पर मुंह दिखाई की रस्म अदायगी हो रही है। जबकि सरकार वेतन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। जिले में साल 2023 में नामांकन 1 लाख 32 हजार 676 था जो गत 2024 में 1 लाख 30 हजार ही रह गया, जो चिंता का विषय बना हुआ है।

दो किमी दायरे में खोल दिया स्कूल, नामांकन सिर्फ 1

जिले के राजाखेड़ा उपखण्ड की दिहौली ग्राम पंचायत के गांव इन्द्रावली में आने वाले राजकीय विद्यालय प्राथमिक विद्यालय महेन्द्र सिंह का अड्डा में वर्तमान में मात्र 1 विद्यार्थी है। कुछ दिन पहले 2 बच्चे थे। विद्यालय में दो शिक्षक हैं। जिसमें महिला शिक्षिका नीलम पर प्रधानाध्यक का चार्ज है। पहली कक्षा का छात्र दिव्यांश कभी कभार विद्यालय आता है और उसे भी फोन करके बुलाना पड़ता है। प्रधानाध्यक ने कहा कि वह कई दफा इस विद्यालय को मर्ज करने को कह चुकी हैं। गांव में बच्चे नहीं हैं तो नामांंकन कैसे हों। पास में दूसरे विद्यालय हैं, ऐसे में नामांकन नहीं हो पाता है।

17 विद्यालयों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं

राजाखेड़ा ब्लॉक में कुल विद्यालयों की संख्या 221 है। जिनमें 126 प्राथमिक विद्यालय, 42 उच्च प्राथमिक और 53 माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जिनमें से 117 प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन पिछले वर्षों में घटकर 60 के भीतर सिमट गया है। वो भी इक्का-दुक्का ही हैं। इसमें 17 विद्यालय तो ऐसे में जहां आंकड़ा दहाई में भी नहीं पहुंच पा रहा। शहरी मुयालय के हालात भी दयनीय हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 2 से 5 तक की छात्र संख्या है। ब्लॉक के 221 विद्यालयों में 1202 अध्यापकों की तैनाती है। जिस पर लाखों रुपए वेतन खर्च हो रहा है।

अब अभिभावकों का भी मोहभंग

जिले के सभी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए थे। कि वह स्कूलों का निरीक्षण करें। जिसके बाद शिक्षा अधिकारी व अन्य अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान स्कूलों में कई शिक्षक नदारद मिले थे। शिक्षक देरी से स्कूल पहुंचते मिले। वहीं, कई समय से पहले निकल गए। जिससे अभिभावक बच्चों की टीसी कटवा कर निजी विद्यालयों में दाखिला करवा रहे हैं। उधर, राजाखेड़ा ब्लॉक मुख्य शिक्षाधिकारी ममता गुप्ता कहती हैं कि सब कुछ पोर्टल पर मौजूद है। छिपाने को कुछ नहीं है। शहरी क्षेत्र के 13 विद्यालय शिक्षक विहीन हैं, जहां हालात बेहद गंभीर हैं।

ऐसे स्कूलों के संंबंध में सभी सूचनाएं उच्चधीकारियों व शिक्षा विभाग को भेजी जा चुकी है। अब इन पर कार्रवाई करने और मर्ज करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। इसमें निर्णय जल्द होने की संभावना है।

चरण सिंह, कार्यवाहक ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी राजाखेड़ा

जिले में तीन साल में नामांकन के आंकड़े

वर्ष सरकारी निजी स्कूल2021-22 139163 97791

2022-23 132676 996812023-24 130160 105372

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राजाखेड़ा ब्लॉक प्राथमिक विद्यालय

विद्यालय नामांकन

विधूड़ी का पुरा 09अजीतपुरा 08

पदमापुरा 08खोह 08

पापरी का पुरा 07भगवान पुरा संस्कृत 07

अंडवा पुरैनी 05सुंदरपुरा 04

महेन्द्र सिंह का अड्डा 01विरजापुरा 00

Published on:
09 May 2025 07:27 pm
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