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Rajasthan Assembly Election: घर राजस्थान में… रोजगार यूपी-एमपी में, चाहते उत्तरप्रदेश सा बदलाव आए

Rajasthan Assembly Election 2023: सुबह के नौ बजे हैं। बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते दिख रहे हैं। शहर के बीच से गुजर रहे आगरा-मुम्बई हाई-वे पर रोडवेज बस स्टैंड के निकट ही दर्जनों निजी बसें खड़ी हैं।

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नागेश शर्मा/धौलपुर. Rajasthan Assembly Election 2023: सुबह के नौ बजे हैं। बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते दिख रहे हैं। शहर के बीच से गुजर रहे आगरा-मुम्बई हाई-वे पर रोडवेज बस स्टैंड के निकट ही दर्जनों निजी बसें खड़ी हैं। बसों में बैठे महिला-पुरुष रोजगार के लिए आगरा-ग्वालियर (यूपी-एमपी) की ओर जा रहे हैं, फिर इन्हीं बसों से शाम को लौटेंगे भी। राजस्थान के इस सीमान्त जिले में आज भी रोजगार के लिए कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं है। सैकड़ों लोग रोज खाने-कमाने आगरा-ग्वालियर जाते हैं। मैं 552 किलोमीटर दूर नागौर से धौलपुर के हाल जानने पहुंचा। बस स्टैंड के पास ही मौजूद एक होटल मालिक नौरत अग्रवाल बोले, यह राजस्थान का पूर्वी प्रवेशद्वार है। प्रदेश सरकार यहां बड़ा उद्योग लगाए, ताकि लोगों में राजस्थान का होने का भाव आए। हालांकि यहां रेल और सडक़ों की कनेक्टिविटी बेहतर है।

छह किमी पर एमपी और 12 पर यूपी
आगे बढ़ा और कलक्ट्रेट के सामने पहुंचा, यहां यात्री महेंद्रकुमार मिले। वे बोले, धौलपुर रेल और सडक़मार्ग से पूरे देश से जुड़ा है, लेकिन इसका इसे पूरा लाभ नहीं मिल रहा। छह किमी पर मध्यप्रदेश और 12 किमी पर उत्तर प्रदेश की सीमा शुरू हो जाती है। यहां बोली और संस्कृति बृज की है। एडवोकेट अतुल भार्गव से धौलपुर के हाल जाने। वे बोले, यहां के जनप्रतिनिधि शहर में खरंजे और नाली बनाने को विकास समझते हैं, जबकि यह मानसिकता बदलने का समय है, वे धौलपुर के विकास का खाका तैयार करें। धौलपुर में छिपे पर्यटन को बढ़ावा दिलाएं, ताकि रोजगार के नए रास्ते खुलें। व्यापारी रामअवतार अग्रवाल का कहना था कि यहां बजरी माफिया बेकाबू हो चुका है और अवैध बजरी दोहन के कारण सडक़ों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं।
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इलाज के लिए आगरा नजदीक, चिरंजीवी ने दिखाया जयपुर
प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे इस धौलपुर जिले के लोग हारी-बीमारी के लिए लोग आगरा जाते हैं। अब प्रदेश सरकार की ओर से चिरंजीवी बीमा योजना में 25 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त उपलब्ध कराने के कारण यहां के लोगों ने जयपुर जाना शुरू किया है।
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राजाखेड़ा : चम्बल किनारे खेत प्यासे...प्रदूषण भी
अब मैं आ पहुंचा उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश राज्यों की सीमा को स्पर्श करने वाली विधानसभा राजाखेड़ा। दोपहर के दो बज चुके हैं। क्षेत्र में रोजगार नहीं मिलने की टीस यहां भी लोगों के दिल में है। यहां के लोग पांच किलोमीटर दूर उत्तरप्रदेश के शमशाबाद ऑयल मिल में मजदूरी करने के जाते हैं। निजी बस में कंडक्टरी कर रहे सावलियापुरा निवासी जितेंद्र ने बताया कि बीए तक पढ़ाई की, लेकिन नौकरी नहीं मिलीं। चम्बल के किनारे होने के बावजूद खेत प्यासे हैं। बुक स्टॉल संचालक अनूपकुमार गुप्ता बोले, बाजारों से अतिक्रमण हट नहीं रहा। सीमांत क्षेत्र होने के बाद भी पुलिस थाने में पर्याप्त स्टाफ नहीं। आगे कपड़ा कारोबारी सुनील दीक्षित से बात की तो वे बोले, परेशानियां बहुत हैं। ईंट भट्टों के कारण श्वांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। हां, सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

चाहते उत्तरप्रदेश सा बदलाव
तीन किलोमीटर आगे बढ़े और उत्तर प्रदेश की सीमा पर जा पहुंचे। यहां ओपेंद्रकुमार मिले। बोले, उत्तरप्रदेश के पूरे देश में चर्चे हैं। लोग राजस्थान के इस सीमांत क्षेत्र में भी यूपी सा चेंज चाहते हैं। उत्तर प्रदेश के बदमाशों का राजस्थान में प्रवेश रुकना चाहिए।

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